नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। सरकारी भंडारों में निर्धारित मानक से तीन गुना ज्यादा अनाज, पिछले साल से बेहतर चीनी सत्र और सस्ते खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता!...इसके बाद भी महंगाई मार रही है। दरअसल सरकार खाद्य अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में बुरी तरह चूक गई है। शुक्रवार को संसद में चीनी की कीमतों में वृद्धि के बहाने प्रधानमंत्री ने इसे असफलता को स्वीकार भी कर लिया। उचित समय पर सही निर्णय लेने में खाद्य मंत्रालय...
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महंगाई के जले पर नमक; अब नमक भी होगा महंगा
दाल, चीनी, तेल, सब्जियों के बाद अब नमक भी महंगा होने वाला है। गुजरात में नमक के मैदानों के लीज का किराया 100 फीसदी तक बढ़ने की वजह से इसकी कीमतों का बढ़ना तय है। हालांकि, कंपनियां ...
More »महाराष्ट्र शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य होगा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश को पछाड़ पहला स्थान हासिल करने वाला महाराष्ट्र इस चीनी सत्र में भी अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रख सकता है। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन में सहकारिता क्षेत्र की मिलों का वर्चस्व है। वहां 2009-10 में चीनी उत्पादन 20 फीसदी बढ़कर 55 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। कारण वहां गन्ने की पेराई बेहतर रही है। प्रदेश ने वर्ष 2008-09 में 46 लाख टन चीनी का...
More »अनाज की महंगाई से निपटें
यह काफी महत्वपूर्ण बात है कि देश की सबसे बड़ी चीनी रिफाइनर और एथनॉल उत्पादक कंपनी श्री रेणुका शुगर्स ने दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक और निर्यातक देश ब्राजील की कंपनी वीडीआई...
More »गन्ना मूल्य को लेकर किसानों का भारी प्रदर्शन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई गन्ना मूल्य नीति के विरोध में गुरुवार को हजारों किसानों ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए जद यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि सरकार जब तक इससे संबंधित अध्यादेश को वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और संसद को नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले हाथों में गन्ना लिए...
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