नई दिल्ली. नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने चुनावी साल में आई दिल्ली सरकार के 2011-12 की रिपोर्ट में सरकारी खजाने के कुप्रबंधन पर कड़ी टिप्पणी की है। सरकार की तमाम योजनाओं से अपेक्षित नतीजे न मिलने और जनता के पैसे की बर्बादी के लिए विभिन्न विभागों में खाली पड़े पद, काम की धीमी गति, प्रोजेक्ट के लागू न होने, वसूली में लापरवाही, योजना का अभाव और मंजूरी मिलने लेटलतीफी को...
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आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन
आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...
More »कैश ट्रांसफर पॉलिसी : अनाज नहीं, नकद खाएं - सचिन कुमार जैन
बड़ी हलचल है। प्रचार हो रहा है हम आधार से आपको पहचान देंगे और अब योजनाओं आपको परेशानी न होगी, क्योंकि अब आपको सेवाओं के बदले नकद राशि देंगे। आप पहचान के लिए विशेष पहचान क्रमांक लीजिए और हम आपको फायदा देंगे। रुकिए! यह भी जान लीजिए कि आधार पंजीयन का मतलब यह नहीं है कि आपको योजनाओं का लाभ मिल ही जाएगा। सच यह है कि अब आपने आपको...
More »'दिल्ली जल बोर्ड ने करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है'
नई दिल्ली. नांगलोई जल संयंत्र के निजीकरण का बखेड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कुछ एनजीओ और हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने पटना प्रोजेक्ट से तुलना करते हुए आरोप लगाया है कि इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड ने करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है, जिसके जवाब में गुरुवार...
More »क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?
अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
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