SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 258

चेन्नई बनाम बुंदेलखंड: क्या राजनीतिक ताक़त के आधार पर सहायता मिलेगी?-- सुदीप श्रीवास्तव

आज इस समय पूरा देश और दुनिया भी, टीवी और सोशल मीडिया पर चेन्नई बारिश और बाढ़ की तस्वीरों से पटा पड़ा है। देश का ही एक दूसरा हिस्सा उत्तर प्रदेश का बुंदेलखण्ड, लगातार दूसरे साल भयानक सूखे का सामना कर रहा है। सूखा भी इतना भयंकर कि लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं। पर यहां न तो प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के दौरे हो रहे हैं और न ही...

More »

जलवायु परिवर्तन : घिरता भारत-- अनुज सिन्हा

दुनिया की जलवायु में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, धरती का तापमान बढ़ रहा है. संकट बढ़ रहा है. इसके लिए दुनिया के विकसित देश अब भारत और अन्य विकासशील देशों को घेरने में लगे हैं. पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर हुए सम्मेलन में भारत यही बताता रहा कि विकसित देश अपना दोष विकासशील देशों पर मत मढ़ें. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को यही समझाने में लगे रहे कि...

More »

ताकि बदले औरतों का हाल-- मरियाना बाबर

साउथ एशिया वुमैन'स नेटवर्क (स्वान) दक्षिण एशिया के नौ देशों की विदुषियों, महिला सांसदों, नेत्रियों, विशेषज्ञों और महिला कार्यकर्ताओं का एक संगठन है। ये नौ देश हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। यह संगठन मुख्यतः पर्यावरण, कला और साहित्य, शांति, स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, शिल्प और वस्त्र, वित्त, आजीविका और उद्यम विकास तथा मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।...

More »

पोलावरम से नुकसान का पता लगाने मांगी दोगुनी रकम

विनोद सिंह, जगदलपुर। दक्षिण बस्तर के सुकमा जिले की सीमा पर आंध्रप्रदेश के पश्चिम गोदावरी नदी में निर्माणाधीन पोलावरम बहुउद्देशीय अंतरराज्यीय परियोजना से सुकमा जिले को होने वाले नुकसान का पता लगाने में राज्य शासन का पसीना छूट रहा है। राज्य शासन ने चालू वित्त वर्ष के राज्य बजट में पोलावरम परियोजना से प्रभावित होने वाले क्षेत्र का आंकलन करने एक करोड़ का प्रावधान किया है जबकि सर्वेक्षण के लिए निविदा...

More »

‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close