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जन्म देना भी यहां मौत से खेलना है ।।पुष्यमित्र।।

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर अबूबकर सिद्दीकी से जब झारखंड की सेहत का हाल पूछा जाता है तो वे भवनों का अभाव और मैन पावर की कमी का रोना लेकर बैठ जाते हैं. निश्चित तौर पर गांवों और प्रखंड मुख्यालयों में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना एक बड़ी समस्या है जो झारखंड के ग्रामीणों को सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से दूर करते हैं और एक बड़ी आबादी ओझा और...

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योजना की आड़ में खिलवाड़- निराला की रिपोर्ट(तहलका, हिन्दी)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के मूल उद्देश्य का सत्यानाश करके बिहार में कई निजी अस्पतालों ने सिर्फ पैसा कमाने के लिए 16 हजार महिलाओं की बच्चेदानी निकाल दी. निराला की रिपोर्ट. एक आदमी सपरिवार सफर में था. ट्रेन में पहुंचा. उसकी सीट पर कुछ लफंगे पहले से बैठे थे. सीट से हटने को लेकर बहस हुई. लफंगों ने आदमी को एक तमाचा जड़ दिया. उस आदमी ने कहा, ‘मुझे मार दिया लेकिन मेरी...

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बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें

बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...

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किशोर आबादी के कुछ अनजाने तथ्य - यूनिसेफ की नई रिपोर्ट

दुनिया में किशोर उम्र के लोगों की तादाद 1 अरब 20 लाख है लेकिन आबादी के इतने बड़े हिस्से के रोजमर्रा की जिन्दगी के बारे में- उसके आस-निरास, आशा-आकांक्षा और उसके सामने खड़ी बाधाओं के बारे में हमारी जानकारी कितनी है ? यूनिसेफ की नई रिपोर्ट प्रोग्रेस फॉर चिल्ड्रेन- अ रिपोर्टकार्ड ऑन एडोलेसेंट का निष्कर्ष है- “ बहुत कम ।”   मिसाल के लिए भारत के बारे में ही सोचें। विज्ञापनों की...

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सड़कों पर पलते कल के सपने : हर्ष मंदर

बीसवीं सदी के शुरुआती दशकों में भारत पर राज कर रही औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार ने सबसे पहले यह स्वीकारा था कि अनाथ और निराश्रित बच्चों व किशोरों की देखभाल करना सरकार की कानूनी जिम्मेदारी है। लेकिन भारत को लोकतांत्रिक स्वाधीनता मिलने के छह दशक बीतने के बावजूद इस तरह के बच्चों और किशोरों के हित में अधिक से अधिक यही किया जा सका है कि उन्हें कारागृह जैसी राज्यशासी संस्थाओं में भेज...

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