इस साल (31 अगस्त तक) देश के विभिन्न कोयला खदानों में लगभग 24 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 47 गंभीर दुर्घटनाएँ हुई हैं. इसी तरह, 18 जानलेवा दुर्घटनाएँ और 13 गंभीर दुर्घटनाएँ गैर-कोयला खदानों में इस समय अवधि में हुई हैं. कोविड-19 के चलते आई आर्थिक मंदी के कारण इन खदानों में कम मांग और उत्पादन की आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दुर्घटना के आंकड़े...
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नये श्रम कानूनों का मक़सद अगर ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग को ही सुधारना है तो ये कमाल के हैं
-सत्याग्रह, संसद में 23 सितंबर को श्रम कानून से जुड़े तीन अहम कोड बिल पास हो गए. सरकार ने बीते साल श्रम सुधार की बात कहते हुए 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर चार कोड बिल तैयार किये थे. इनमें से तीन कोड बिल - औद्योगिक संबंध कोड बिल, सामाजिक सुरक्षा कोड बिल और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा कोड बिल - पिछले महीने के अंत में पास हुए. चौथे कोड...
More »बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस लिब्रहान को जो दिखा वो सीबीआई कोर्ट न देख पाई?
-बीबीसी, छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों के अचानक हमले का नतीजा था या सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. वेदों में कहा गया है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग-अलग कोण से अलग दिखता है और देखने वाले की नज़र से...
More »मेड़बंदी तकनीक से भूजल स्तर में सुधार
-वाटर पोर्टल, देश के कई इलाकों में गिरता भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भूजल का सबसे अधिक उपयोग करने वाला देश है, अमेरिका और चीन जैसे देश भी भारत से कम भूजल का उपयोग करते हैं। भारत में प्रति व्यक्ति पानी की खपत भी अन्य देशों के मुकाबले भी अधिक है देश की राजधानी दिल्ली में ही पानी की प्रति दिन खपत 272 लीटर प्रति व्यक्ति है। अगर इसी तरह से भूजल का दोहन होता रहा और हमने...
More »जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा
-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...
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