अनिल बंसल, नई दिल्ली। उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा के मामले में भले अंग्रेजी राज से ही देश भर में धाक रही हो। लेकिन उच्च शिक्षा के मामले में सूबे के हाल बेहाल हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता छीनने से लेकर शिक्षकों के पदों को मंजूरी नहीं देने पर आमादा नौकरशाह निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रहे हैं। एक निजी विश्वविद्यालय की मंजूरी में पांच-छह करोड़ की घूसखोरी आम बात है।...
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दंडकारण्य का दावानल- कनक तिवारी
जनसत्ता 29 मई, 2013: सुकमा से राष्ट्रीय शोक का एक मर्मांतक ज्वालामुखी पैदा हुआ है। कांग्रेस के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। उसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं समेत करीब तीस लोग मारे गए। बस्तरिहा घाटियों में माओवादियों द्वारा यह पहला नरसंहार नहीं था। माओवादी वर्षों से अपनी क्रूरता के घिनौने कारनामे अंजाम दे रहे हैं। ताजा हमला विशेष मायने रखता है। कांग्रेसी राजनीतिकों का काफिला...
More »पंचायतों को मजबूत बनाने की जरूरत:पीएम
नयी दिल्ली : नौकरशाही द्वारा अभी भी निर्वाचित स्थानीय निकायों के साथ अधिकार साझा करने में अनिच्छा दिखाने पर खेद जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत तथा अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए इस सोच में तुरंत बदलाव की जरुरत बताई. प्रधानमंत्री ने कहा, पंचायतों को जिम्मेदारी और सही अर्थो में अधिकार देने के लिए अभी भी काफी कुछ किये जाने की जरुरत है.’’ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती...
More »वनाधिकार कानून का सफेद और स्याह
वनाधिकार कानून की यात्रा साल 2006 के बाद से आज दिन तक किस मुकाम तक पहुंची है- इसका जायजा लेने के लिए देश भर से कुछ समूह दिल्ली में जुटे थे। वनाधिकार कानून को अक्सर ऐतिहासिक करार दिया जाता है क्योंकि इस कानून वनक्षेत्र और उसके आस-पास रहने वाले समुदायों और व्यक्तियों को भूस्वामित्व का हकदार बनाया, इस हकदारी को अवैध करार देने वाले सदियों पुराने चलन का खात्मा किया।...
More »कब आएगा भाषाई स्वराज- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 22 मार्च, 2013: भाषा के प्रश्न को राजनीति के पुरोधाओं ने इस देश का रिसता नासूर बना दिया। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा संबंधी नियमावली में संशोधन ने उस नासूर में फिर नश्तर लगा दिया। गांधीजी जानते थे कि भाषा का सवाल इस मुल्क की दुखती रग हमेशा बना रहेगा। शायद इसीलिए उन्होंने 1909 में ‘हिंद स्वराज\' में अपने स्वभाव के बरखिलाफ सख्त चेतावनी दी थी कि...
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