मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बन रही है और इसके मामलों में कार्रवाई या वसूली का हाल बहुत खराब है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष मनरेगा के तहत 9.25 करोड़ की अनियमितताएं सामने आईं, जबकि वसूली सिर्फ 1.40 लाख रुपए की हुई। पिछले पांच साल में मनरेगा के तहत अनियमितताओं के मामलों में राजस्थान में 816 लोगों...
More »SEARCH RESULT
समाज के हर स्तर पर महिला सुरक्षा जरूरी- रंजना कुमारी
जब तक देश का नेतृत्व महिलाओं के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठायेगा, तब तक माहौल नहीं बदलेगा. मसलन, संसद में महिला आरक्षण बिल पास हो जाये. सरकार और संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, तो उन्हें लेकर समाज का नजरिया भी बदलेगा. साल 2015 की शुरुआत में ही महिला सुरक्षा के लिए लॉन्च किये जा रहे एप्प अपने आप में एक शुभ लक्षण है. कई राज्य सरकारों ने इस तरह...
More »सरकारी ढर्रे को बदलने का सवाल - नंटू बनर्जी
आगामी 25 दिसंबर को मोदी सरकार ने 'सुशासन दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। सुशासन या गुड गवर्नेंस लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुनियादी एजेंडे में शामिल रहा है। पर सवाल उठता है कि प्रशासनिक ढांचे व सुशासन के आपसी रिश्तों से हम क्या समझें। कारोबारी समूहों में ऐसा होता है कि गिने-चुने लोगों का प्रबंधन चंद लोगों के कार्यसमूह के साथ भी अपनी सुदक्षता...
More »सामाजिक न्याय की दिशा में अहम पहल
'सामाजिक न्याय पीठ' गठित करने के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू के फैसले से गरीब और कमजोर तबकों में नई उम्मीद जगेगी। इससे उन मामलों को तार्किक मुकाम तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है, जिनमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया, लेकिन बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी। अब अगले 12 दिसंबर से न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति यूसी ललित की नई बेंच हर शुक्रवार को दोपहर बाद बैठेगी और...
More »काले धन की मरीचिका में हम - विजय संघवी
हमारा देश एक मरीचिका का पीछा कर रहा है, जिसका नाम है विदेशों में जमा काला धन। अगर काले धन का शगूफा बार-बार छेड़ा जाता है तो उसका कारण यह है कि इससे राजनेताओं को दूसरे मामलों से देशवासियों का ध्यान भटकाने का मौका मिल जाता है, अफसरों को देश में मौजूद काली संपदा को नजरअंदाज करने की सुविधा मिल जाती है, न्यायपालिका को सरकार को फटकार लगाने का अवसर...
More »