भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...
More »SEARCH RESULT
45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला
रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...
More »मातृत्व लाभ हर महिला का अधिकार- ज्यां द्रेज
बच्चों का पोषण, स्वास्थ्य और उनका भविष्य मां के पेट में निर्धारित होता है. अगर मां कुपोषित और बीमार होगी, तो बच्चे भी पीड़ित होंगे. गर्भावस्था के दौरान पोषण, दवा और आराम सब समय पर मिले, यह न केवल महिलाओं के हित की बात है, बल्कि बच्चों के अधिकार और देश के विकास की बात भी है. वास्तविकता यह है कि गर्भावस्था और प्रसव भारत की गरीब महिलाओं के लिए...
More »कानून से ही नहीं रुकेगी क्रूर कायरता-- विभूति नारायण राय
राम मनोहर लोहिया ने भारतीय भीड़ के व्यवहार के लिए एक बड़े मौजूं शब्द का इस्तेमाल किया है- क्रूर कायरता। औसत भारतीय जब भीड़ का अंग होता है, तो उसका व्यवहार एक खास तरह की क्रूरता से भरपूर होता है, जो कई मौकों पर तो बर्बरता की हदें पार कर जाती है। भीड़ किसी जेबकतरे को बस से उतारकर पीट-पीट कर मार डालती है। कभी कोई नकबजन हत्थे चढ़ जाए,...
More »ठोस कदमों से आयेगी स्वच्छता-- पवन के वर्मा
कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है कि हम सनकियों के राष्ट्र- एक ऐसा राष्ट्र और ऐसे नागरिक- तो नहीं, जो एक साथ एवं लगातार दो स्तरों पर जीते हुए दोनों के फर्क से भी अनजान हैं? मैं यह सवाल स्वच्छ भारत के उस राष्ट्रव्यापी अभियान के संदर्भ में उठा रहा हूं, जिसे वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बड़े कार्यक्रम के रूप में प्रारंभ किया गया था. नीयत के...
More »