सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। सुरक्षा प्रथम, काम हरदम। ...ये ऐसे ‘स्लोगन' हैं, जो हरेक निर्माण स्थल के आसपास हम बडे़-बड़े अक्षरों में लिखा देखते हैं। मगर लगता नहीं कि इन वाक्यों का शब्दश: पालन भी किया जाता है। अगर किया जाता, तो तमाम हादसों से हम अपने आप बच सकते थे। वाराणसी में निर्माणाधीन पुल के गर्डर (भारी बीम) गिरने की घटना भी ऐसी ही है। अगर गर्डर रखने में...
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अराजकता की आती आहटें-- पवन के वर्मा
अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) छात्र संघ के कार्यालय में वर्ष 1938 से लगी मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर इस यूनिवर्सिटी में अशांति के चालू दौर में एक-दूसरे से बिलकुल अलग दो विचारणीय विषय हैं. पहला, क्या एएमयू में ऐसे व्यक्ति की तस्वीर लगी रहनी चाहिए, जिसने भारत विभाजन हेतु सक्रियता से कार्य किया, पाकिस्तान बनवाया और हिंदुओं तथा मुसलिमों के बीच नफरत को हवा दी? दूसरा, यदि...
More »बिना जनचेतना प्रदूषण से मुक्ति नहीं-- आशुतोष चतुर्वेदी
हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की, जिसमें 14 शहर भारत के हैं. चिंता की बात है कि इसमें बिहार के तीन शहर हैं. गया चौथे, पटना पांचवें और मुजफ्फरपुर नौवें स्थान पर है. रिपोर्ट के अनुसार कानपुर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. इस लिस्ट में दिल्ली छठे नंबर पर है और वाराणसी तीसरे नंबर पर. ये आंकड़े...
More »कम हो रही हैं श्रमबल में महिलाएं-- अजीत रानाडे
भारत की श्रमबल भागीदारी दर (एलएफपीआर) में महिलाओं का हिस्सा पिछले तेरह वर्षों के दौरान तेजी से गिरा है. यह कामकाजी उम्र की महिलाओं की कुल संख्या की तुलना में वैसी महिलाओं का अनुपात है, जो पारिश्रमिक पाते हुए रोजगार कर रही हैं. इस अनुपात में आयी गिरावट दरअसल एक अरसे के दौरान आयी है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष से 24 वर्ष की महिलाओं...
More »सूचना के संजाल में छीजती संवेदना--- दिनेश कुमार
समाज में साहित्य के लिए जगह लगातार कम होती जा रही है। प्राय: ऐसा प्रतीत होता है कि समाज को साहित्य की कोई जरूरत नहीं है। समाज की प्राथमिकता से साहित्य का गायब होना चिंता से अधिक चिंतन का विषय है। साहित्य के नए पाठक बन नहीं रहे हैं और जो पुराने हैं वे धीरे-धीरे विदा हो रहे हैं। हम एक तरह से क्रमश: साहित्य विहीन समाज की ओर बढ़...
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