एक ओर मामूली चोरी के आरोप में देश भर की जेलों में हजारों कैदी बरसों से सड़ रहे हैं, दूसरी तरफ जनता को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले कॉरपोरेट जगत के सफेदपोश अपराधी छुट््टा घूम रहे हैं। खुली अर्थव्यवस्था का यह कड़वा सच जगजाहिर है। इस सच के साथ कुछ अपवाद भी जुड़े हैं। ‘सत्यम कंप्यूटर्स' के संस्थापक और उसके पूर्व प्रमुख बी रामलिंग राजू का मामला अपवाद की...
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एक नेक कानून का गैरजायज इस्तेमाल - क्षमा शर्मा
अगर कोई स्त्री अपने पति और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न संबंधी धारा 498ए के अंतर्गत क्रूरता की शिकायत दर्ज कराती है और शिकायत झूठी पाई जाती है तो यह पति-पत्नी के बीच तलाक का पर्याप्त कारण बन सकता है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने हाल के फैसले में यह बात कही है। के. श्रीनिवास और के. सुनीता के मामले में तलाक का फैसला देते हुए न्यायालय ने...
More »कालेधन के बारे में भारत को 1 फीसदी जानकारी ही है
पेरिस। छह साल पहले जिनेव स्थित एचएसबीसी बैंक के हजारों गुप्त खातों का खुलासा करने वाले बैंक के पूर्व कर्मचारी एर्वे फलचैनी ने कहा है कि काले धन के मामले में भारत को एक फीसदी जानकारी भी नहीं है। वर्तमान में फ्रांस में रह रहे फलचैनी ने कहा कि वह दूसरे देशों की मदद कर रहे हैं और भारत की मदद करने के लिए भी तैयार हैं। एक टीवी चैनल से...
More »असभ्य समाज का चिह्न है मृत्युदंड- आकार पटेल
आजकल दो अपराधियों की नियति चर्चा में है. एक हैं गुजरात की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी, जिन्हें 2002 में राज्य में हुए नरसंहारों में से एक में अपराधी मानते हुए 28 वर्ष की कैद की सजा दी गयी है. उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर फिलहाल जमानत मिली हुई है. इस महीने गुजरात सरकार ने कहा है कि वह कोडनानी का पक्ष लेगी और उन्हें जेल भेजने पर आमादा विशेष...
More »पुलिस सुधार का नजरिया -विकास नारायण राय
हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस (इक्कीस अक्तूबर) पर विभिन्न पुलिसबलों के सैकड़ों शहीद याद किए जाते हैं। एक ओर कर्तव्य-वेदी पर प्राणों की आहुति की वार्षिक रस्म-अदायगी देश की तमाम पुलिस यूनिटों में हो रही होती है और दूसरी ओर पुलिस की छवि को लेकर भारतीय समाज में मिश्रित कुंठाएं भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। पुलिस की पेशेवर क्षमता को लेकर जन-मानस में धारणा रही है, बेशक अतिरेकी,...
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