उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
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विश्वबैंक की नई रिपोर्ट: और बिगड़ेगा मौसम का मिजाज..
हिमालय की गोद में बसे राज्य उत्तराखंड में आई मौजूदा तबाही और इससे पहले लू के थपेड़ों से सैकड़ों जिन्दगियों के नुकसान के बीच 19 जून को विश्वबैंक द्वारा जारी एक नए आकलन में चेतावनी दी गई है कि अगले 20-30 सालों में दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में जलवायु परविर्तन से मुश्किल हालात पैदा होंगे। आकलन में कहा गया है कि तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ मौसम की विकरालता बढ़ते जाएगी। विश्व भर के पच्चीस चुनिन्दा...
More »हवा में अटका ‘जहर’ हजारों लोग बीमार
बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ने दिल्ली-एनसीआर की जान मुश्किल में डाल दी है। पहले ही भयानक प्रदूषण से जूझ रहा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अब ऐसे मौसमी संक्रमण की चपेट में आया है कि हजारों लोग बीमार हो गए हैं। पिछले तीन दिन से यहां वातावरण में धुंध और धुएं जैसी ऐसी परत छाई हुई है कि लोगों को सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में चुभन, ब्रान्काटिस,...
More »चक्रवात ‘नीलम’ आज शाम तक पहुंच सकता है तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
Wednesday, 31 October 2012 11:32 चेन्नई (एजेंसी) चक्रवात ‘नीलम’ आज शाम तक तमिलनाडु के कुड्डालूर और आंध्र प्रदेश के नेल्लूर के बीच पहुंच सकता है, जिससे क्षेत्र में भारी बारिश हो सकती है तथा 1.5 मीटर उची लहरें उठ सकती हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘चक्रवाती तूफान जो आज सुबह साढ़े पांच बजे तक चेन्नई के 320 किलोमीटर दक्षिण...दक्षिण पूर्व में था, अब उत्तर...उत्तर पश्चिम...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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