टांडा [रामपुर]। हाईस्कूल की मैरिट में पहला स्थान पाने वाली नीरज चौहान पहले से ही एमए पास है। उसने अध्यापक भाई के सहारे शिक्षा विभाग को धोखा देकर दोबारा हाईस्कूल कर लिया। मामला खुलने के बाद से छात्रा गांव से गायब है। इस बार यूपी बोर्ड हाईस्कूल की मैरिट में गांव चन्दुपुरा की नीरज चौहान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। आज जब उसकी फोटो छपी तो गांव समेत क्षेत्र के लोग दंग रह गए,...
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उत्ताराखंड में ग्रीन सेस की तैयारी
देहरादून। उत्ताराखंड में अब निजी वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने की तैयारी चल रही है। यह शुल्क रजिस्ट्रेशन के वक्त वसूला जाएगा। सार्वजनिक वाहनों को इससे दूर रखने की योजना है। परिवहन विभाग स्थित सूत्रों के अनुसार निजी वाहनों की बढ़ती संख्या पर ब्रेक लगाने, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रीन सेस लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इसे...
More »60 करोड़ रुपये से होगा प्रदेश स्वच्छ
यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र: प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों के 30 हजार टन विषाक्त अपशिष्ट फरीदाबाद के पाली में निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए 31 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। प्रदेश को स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए यह योजना बनाई गई है। इस परियोजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी हरियाणा इनवायरमेंटल मैनेजमेंट सोसाइटी ने अपनी सहयोगी संस्था गुजरात इनवायरो प्रोटेक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर हरियाणा को सौंपी गई है। परियोजना को अमलीजामा पहनाते...
More »सौ का काम, हजार का झमेला
देहरादून। 'नरेगा', 'मनरेगा' जरूर हो गई, पर व्यावहारिक दिक्कतें अब भी पहले जैसी ही हैं। काम इतना महत्वपूर्ण नहीं, जितना जरूरी कागजों का पेट भरना है और तकनीकी पेच ऐसे हैं कि कागजी खानापूरी के लिए अधिकारी ऐड़ियां रगड़ने को मजबूर हो जाएं। सच कहें तो मनरेगा पर यह मसल पूरी तरह फबती है कि 'नाम तो सुनते थे हाथी की पूंछ का, काटा तो फकत रस्सी का टुकड़ा निकला'।...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
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