नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। केंद्र सरकार ने अपने खर्च के नए तरीके से घोटालों को सुविधाजनक कर दिया है। विकास के मदों में सरकार का करीब 79 फीसद खर्च अब अनुदानों के जरिये होता है। अनुदानों के इस्तेमाल को जानने का सरकार के पास कोई भरोसेमंद तरीका नहीं है। इसलिए करदाताओं और कर्ज से मिले इस सरकारी पैसे की लूट सहज हो गई है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट में...
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जहां विचारों की कमी है- अपूर्वानंद
जनसत्ता 30 जनवरी, 2013: जयपुर साहित्य समारोह में आशीष नंदी के वक्तव्य के कारण उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न संबंधी कानून के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। बल्कि कहना ठीक होगा, मुकदमे दर्ज किए गए हैं, राजस्थान और उसके बाहर भी। अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने उनकी अब तक गिरफ्तारी न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। वाम, दक्षिण, मध्यमार्गी, हर प्रकार के राजनीतिक दल ने...
More »मोबाइल टीचर बना रहा है अफगानी लड़कियों को साक्षर
अफगानिस्तान कि लड़कियों को साक्षर बनाने के लिए अब मोबाइल फोन काफी सहायक सिद्ध हो रहा है. यहां मोबाइल फोन अनपढ़ लोगों के लिए टीचर का काम कर रहा है. मोबाइल और एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से अफगानिस्तान सरकार ने लोगों को घर पर ही पढ़ाने की मुहिम शुरू की है. 'मोबाइल टीचर' नाम का सॉफ्टवेयर अफगानिस्तान की महिलाओं को साक्षर बनाने में काफी मददगार साबित हो रहा है. यहां लड़कियों को स्कूल...
More »शिक्षा अधिकार का सच- नरेश गोस्वामी
जनसत्ता 7 अगस्त, 2012: मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति की रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा अधिकार के कार्यान्वयन के लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को बजट की निर्धारित राशि का केवल साठ फीसद दिया गया है। इसका मतलब यह है कि शिक्षा अधिकार योजना को इस साल पंद्रह हजार करोड़ रुपयों की कमी पडेÞगी। योजना की जरूरतों और बजटीय आबंटन के इस अंतर को देखते हुए संसदीय समिति ने...
More »अब स्कूलों में होगी शेयर कारोबार की पढ़ाई
नयी दिल्ली : भारत में वित्तीय साक्षरता जल्द ही स्कूली सिलेबस का हिस्सा होगी. केंद्र सरकार ने 50 करोड़ भारतीयों को अगले पांच सालों में वित्तीय साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत बुनियादी शिक्षा में करेंसी, बचत, कर्ज की जरूरत, बैंकिंग, निवेश, शेयर ट्रेडिंग, वित्तीय घोटाले, रीयल एस्टेट जैसे विषय शामिल होंगे. वित्तीय साक्षरता की इस मुहिम में सरकार अनपढ़ों, गृहणियों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी शामिल...
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