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तालिबानी सरकार देश चलाने के लिए चीन पर निर्भर!

-न्यूजलॉन्ड्री, तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उनकी सरकार वित्तीय सहयोग के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर होगी और चीन की मदद से वे देश का आर्थिक पुनर्निर्माण करेंगे. उन्होंने चीन को अपना मुख्य सहयोगी बताते हुए यह भी कहा कि तालिबान चीन द्वारा निर्मित हो रहे नए सिल्क रूट (बेल्ट-रोड परियोजना) को बहुत सम्मान के साथ देखता है. मुजाहिद चीन को अफगानिस्तान के लिए वैश्विक...

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Catch the rain: रेगिस्तान में बारिश का पानी बचाने की अनोखी जुगत, मिलेगा सालभर पीने का मीठा पानी

-गांव कनेक्शन, जैसलमेर में इस वर्ष मानसून में जो नाम मात्र की बारिश हुई वो तपते रेगिस्तान में गिरकर छन्न (सूख) गई। ये इलाका ज्यादातर सूखे और दूसरी आपदाओं से घिरा रहा है इसलिए यहां गरीबी है और ज्यादातर मकान कच्चे हैं। इसलिए बारिश के पानी को भी सुरक्षित रखने के इंतजाम न के बराबर हैं। लेकिन पाकिस्तान की सीमा से सटे एक गांव में जुलाई में हुई बारिश का पानी...

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नवीनतम पीएलएफएस डेटा, विभिन्न प्रकार के श्रमिकों के बीच अल्प-रोजगार और स्वपोषित रोजगार में अवैतनिक सहायकों पर प्रकाश डालता है

आम तौर पर, अर्थशास्त्री एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक विशेष अवधि में बेरोजगारी और काम से संबंधित अनिश्चितता की सीमा का आकलन करने के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे संकेतकों का उल्लेख करते हैं. हालांकि, अन्य संकेतक भी हैं, जो रोजगार की स्थिति, आजीविका सुरक्षा और श्रमिकों की बदत्तर स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद कर सकते...

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जलवायु परिवर्तन: संकट को नकारने की गुंजाइश खत्म

-डाउन टू अर्थ, अब किसी “शायद” की गुंजाइश नहीं बची है। जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविक है और इसके खतरे आसन्न तो हैं ही, भविष्य भी भयावह है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट का यह संदेश हमारे आसपास हो रहे बदलावों की पुष्टि करता है। अत्यधिक गर्मी के कारण जंगल की आग से लेकर अत्यधिक बारिश की घटनाओं के कारण आती विनाशकारी बाढ़ और समुद्र एवं भूमि की...

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क्यों खतरनाक बनती जा रही है यात्रियों के लिए उत्तराखंड की चार-धाम परियोजना

-इंडियास्पेंड, उत्तराखंड अभी चमोली के दर्दनाक हादसे से उभर ही रहा है कि बारिश का मौसम आते ही एक बार फिर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से चट्टानें गिरने और भूस्खलन की ख़बरें बढ़ने लगी हैं। भूस्खलन की इन घटनाओं में अधिकतर उन इलाकों की हैं जहां पर चार-धाम परियोजना का काम शुरू किया गया था। चार-धाम परियोजना, जिसे पहले 'ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट' के नाम से जाना जाता था, की शुरुआत उत्तराखंड में चार...

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