कुछ महीने पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा दी गयी रपट के अनुसार, भारत के विकास में कुछ विदेशी धन से पोषित एनजीओ बाधा बन रहे हैं. एनजीओ द्वारा प्राप्त धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने हाल में आदेश दिया है कि इनके द्वारा 20,000 से अधिक का भुगतान चेक द्वारा ही किया जायेगा. ऐसा करने से एनजीओ के लिए धन का गैरकानूनी उपयोग करना कठिन हो जायेगा. तमाम देशों में...
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संकट का तापमान (संपादकीय, जनसत्ता)
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर बढ़ते वैश्विक तापमान और उसके संभावित असर को लेकर आगाह किया है। लेकिन इस मसले पर अलग-अलग समय पर हुए वैश्विक सम्मेलनों के अलावा संयुक्त राष्ट्र के स्तर से जितने भी प्रस्ताव पेश किए गए, उनका हासिल किसी से छिपा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की आइपीसीसी यानी जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति की बैठक पेरू के लीमा शहर में अगले महीने होने वाली है,...
More »बाढ़ से कश्मीर हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को 450 करोड़ रुपए का नुकसान
सितंबर में आई बाढ़ के चलते कश्मीर के हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को 450 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अकेले श्रीनगर में इंडस्ट्री को 400 करोड़ रुपए का झटका लगा। डिपार्टमेंट ऑफ हैंडीक्राफ्ट्स के डायरेक्टर तारिक हुसैन गनी के मुताबिक, सेक्टर से जुड़े कच्चे माल, सेमि-फिनिश्ड और फिनिश्ड प्रोडक्ट्स को नुकसान पहुंचा है। 10 हजार बुनकरों पर असर गनी ने बताया, "शुरुआती अनुमान के मुताबिक, हैंडीक्राफ्ट सेक्टर को बाढ़ की वजह से 450...
More »खाद्यान्न उठाव में नहीं चलेगा बैकलॉग: जीतन राम मांझी
पटना: मुख्यमंत्री ने जीतन राम मांझी ने खाद्यान्नों के उठाव में लापरवाही करनेवाले अधिकारियों के साथ सख्ती से निबटने का फरमान जारी किया है. इसके लिए उन्होंने राज्य के कुल 11 जिलों को चिह्न्ति भी कर लिया है, जहां खाद्यान्नों के उठाव की स्थायी समस्या का समाधान किया जाना है. मुख्यमंत्री ने इन 11 जिलों में सीएमआर का चावल आपूर्ति करने वाले डीलरों पर कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया...
More »श्रीनगर क्यों न हो पहली स्मार्ट सिटी- शंकर अय्यर
'अगर फिरदौस बरोए जमीन अस्त, हमी अस्तो, हमी अस्तो हमी अस्त।' कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए महान शायर अमीर खुसरो ने कभी यह पंक्तियां कही थीं। मगर 2014 में भीषण बाढ़ की त्रासदी से अब तक न उबर सके कश्मीर की हालत कुछ और ही कहानी बयां करती है। सर्दियों के दस्तक देने के साथ यहां के बेघरबार, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी और दूसरे तमाम लोग जिस तरह अपने अस्तित्व...
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