साहित्य में कबीर की उलटबांसियां प्रसिद्ध हैं। गहरे से गहरे दार्शनिक रहस्यों को बताने के लिए कबीर जीवन के कुछ ऐसे विरोधाभासों का सहारा लेते हैं, जिनमें ऊपर से कुछ और दिखाई देता है, किंतु अंदर कुछ और होता है। वैश्वीकरण के साथ ही दुनिया में एक नई शब्दावली आई है, जो कुछ-कुछ उलटबांसियां जैसी ही हैं। जैसे वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, जगतीकरण या जागतिकीकरण को ही लें, जो ग्लोबलाइजेशन के विविध...
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बड़गांव से छग के बंधुआ मजदूर मुक्त
सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव थाना अंचल के एक ईंट भट्टा में बंधक बने छत्तीसगढ़ के पांच मजदूर परिवारों को वहां की पुलिस मुक्त कराकर अपने साथ ले गई है। यह मामला अंचल में चर्चा का विषय बना हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के जांचगीर जिले के बरकेल गांव के पांच श्रमिक परिवारों को किसी दलाल ने लाकर बड़गांव थाना अंचल के मुंडा गांव में स्थित एक ईंट भट्टे में काम पर लगाया...
More »अवैध खनन का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका) की रिपोर्ट
पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के सामने राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि अरावली की पहाड़ियों में खनन पूरी तरह बंद है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के मुहाने पर बसे सीकर जिले की तस्वीर ही इस दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. शिरीष खरे की रिपोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-8 के साथ ऊंट के आकार-सी उठती-बैठती अरावली पर्वत श्रृंखला...
More »लोकपाल विधेयक का आना तय : मुख्य सूचना आयुक्त
चेन्नई : मुख्य सूचना आयुक्त ने आज यहां कहा कि ‘‘लोगों का सरकार पर से भरोसा उठ गया है’’ और लोकपाल विधेयक का आना तय है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संसद के आगामी बजट सत्र में यह मुद्दा एक बार फ़िर चर्चा में होगा. मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्र ने यहां आरटीआई कानून पर आयोजित एक कार्यशाला में कहा, ‘‘ लोकपाल या जन लोकपाल..बजट सत्र के घोषित होते ही फ़िर से...
More »अनपढ़ आरटीआइ कार्यकर्ता
सहारिया जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में पायी जाती है. मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान के बारां जिले के शाहबाद और किशनगढ़ प्रखंड में भी इनकी ठीकठाक संख्या है. यहां सहारिया लोगों के पास किसी जमाने में काफ़ी जमीन हुआ करती थी. लेकिन कोई दस्तावेज नहीं होने के कारण धीरे- धीरे इनकी जमीनों पर गैर ओदवासियों और दबंगों ने कब्जा कर लिया. सरकार ने सहारिया को आदिम जनजाति का दरजा दिया...
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