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नोएडा के ‘शिमला’ बनने की दूसरी तस्वीर एक गांव की बर्बादी की कहानी भी है

चालीस वर्षीय नूर बानो ईंटों से सीमेंट झाड़कर एक जगह इकट्ठा कर रही हैं. गुरुवार की शाम यानी बीते सात फरवरी तक ये सभी ईंटें उनके घर की दीवार की बुनियाद थीं. गुरुवार को देर शाम तकरीबन साढ़े सात बजे आए बारिश और तूफान ने दीवार को मलबे में तब्दील कर दिया. बात करने की कोशिश पर नूर बानो गुस्से में झन्नाती हुई बोलीं, ‘सब फोटो खींचकर ले जाते हैं. मदद...

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सरकारी विभागों के विरुद्ध साल 2018 में मिलीं करीब 15.7 लाख जन शिकायतें

नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि पिछले साल केन्द्र के विभिन्न विभागों के विरूद्ध करीब 15.7 लाख जन शिकायतें प्राप्त की गई. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. सिंह ने कहा कि इन शिकायतों में से 14.98 लाख शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है तथा 8.4 लाख शिकायतें लंबित हैं. उन्होंने बताया कि...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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निर्भया कोष का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर संसदीय समिति ने जताया ऐतराज़

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने निर्भया कोष का इस्तेमाल भवनों के निर्माण में किए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि इस तरह के आवंटन महिलाओं की सुरक्षा के (कोष के) उद्देश्य को नाकाम करते हैं. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कहा है, ‘समिति का यह दृढ़ विचार है कि भवनों के निर्माण के लिए धन अन्य...

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सवर्ण गरीबों की खिल्ली-- मिलिन्द मुरुगकर

नरेंद्र मोदी सरकार ने सवर्ण गरीबों को आर्थिक मापदंड पर आधारित आरक्षण देने का निर्णय किया है. इस मापदंड के अनुसार आठ लाख रुपये प्रति वर्ष, अर्थात 66,600 रुपये प्रतिमाह से कम आय पाने वाले लोग अब आर्थिक मापदंड से पिछड़े माने जाएंगे. इसका सीधा मतलब यह है कि मोदी सरकार ने वास्तविक दृष्टि से गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया ही नहीं है, बल्कि चुनाव जीतने के लिए उनकी आंखों में...

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