जनसत्ता 29 अप्रैल, 2013: भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास और पुनर्स्थापन) विधेयक अब कानून बनने की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। एक सौ सत्तासी संशोधनों के सुझावों के बाद अब अगर संसद में विधेयक पर मुहर लग जाती है तो एक तरफ जहां सरकार अपनी पीठ थपथपाएगी वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जिनकी जमीनें अधिग्रहीत की जानी हैं, वे भी मुआवजा बढ़ने से शायद राहत महसूस करें। लेकिन...
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निजी कंपनियों के हवाले मौसम!
भारत की आधी से ज्यादा आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और कृषि मॉनसून पर. देश की कुल कृषि भूमि का 55 प्रतिशत वर्षा जल पर निर्भर है. लेकिन अभी तक मॉनसून के पूर्वानुमान के शास्त्र को पूरी तरह साध पाने में सफलता नहीं मिली है. पिछले साल सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि पिछले चार साल से भारतीय मौसम विभाग के मॉनसून के पूर्वानुमान के आंकड़े वास्तविकता...
More »आरक्षण की उलझन- योगेश अटल
जनसत्ता 20 अप्रैल, 2013: अब आरक्षण से जुड़ा आज का प्रश्न। नए भारत का संविधान रचने वालों ने प्रारंभ में इसकी आवश्यकता को नहीं स्वीकारा। कहा जाता है कि खुद आंबेडकर इसके पक्ष में नहीं थे। बड़े संकोच के साथ उन्होंने इस सुझाव को सम्मिलित किया और वह भी केवल चुनिंदा समूहों के लिए और प्रारंभ के कुछ वर्षों के लिए। आरक्षण का प्रावधान उन जातियों और आदिवासी समूहों के...
More »चालू सीजन में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन संभव
देश में कपास का उत्पादन पहले अनुमान से 2.75 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कम रहने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई ) के अनुसार चालू वर्ष 2012-13 में देश में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन होने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी तक 294.25 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। सीएआई के अध्यक्ष डी. एन. सेठ के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश...
More »जल संकट पर गुजरात में राजनीतिक माहौल गरमाया
अमदाबाद। गुजरात में विपक्षी दलों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने राज्य के कई इलाकों में पानी की कमी के मसले पर ‘निष्क्रियता\' और ‘कुप्रबंधन\' को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन गुजरात सरकार इस संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है कि उसने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने की इजाजत नहीं दी और द्वार निर्माण रोक दिया। सरकार का दावा...
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