बिक्रम : केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना 17 जून 2015 को पूरे देश में लागू हुआ था, जिसमें सभी बेघर लोगों को 31 मार्च 2022 तक आवास योजना का लाभ देना है. इसमें लाभार्थी को प्रथम किस्त 50,000, द्वितीय किस्त एक लाख और तृतीय किस्त 50,000 में दो बेड रूम, किचेन व टॉयलट का निर्माण कराना था, लेकिन इस ड्रीम प्रोजेक्ट पैसे के अभाव में ग्रहण...
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सुप्रीम कोर्ट में अभूतपूर्व हलचल-- आशुतोष चतुर्वेदी
किसी भी लोकतांत्रिक देश में जब भी कोई संकट की घड़ी आती है, तो उस दौरान उसके प्रशासनिक प्रतिष्ठानों की एक तरह से परीक्षा होती है. लोकतंत्र का भविष्य इससे तय होता है कि ये प्रतिष्ठान कितने गंभीर झटकों को आत्मसात कर सकते हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण हैं अदालतें और उसमें भी सर्वोपरि है सुप्रीम कोर्ट. समय-समय पर अन्य सत्ता प्रतिष्ठानों पर भले ही सवाल उठते रहे हों, लेकिन न्यायपालिका...
More »गर्भस्थ शिशु को बाहर निकालने के लिए झोला छाप डॉक्टर की बेटियां दबा रही थीं पेट
फर्जी डिग्रीधारी मेडिकल प्रैक्टिशनर रेखा देवी व उसकी दो बेटियां अकुशल तरीके से प्रसव कराने के आरोप में पुलिस गिरफ्त में हैं. आरोप है कि रेखा की क्लिनिक में प्रसव पीड़ा के दौरान सोमवार की रात 20 वर्षीया आरती देव व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गयी थी. प्रभात खबर में जच्चा-बच्चा की मौत से जुड़ी खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार का जला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग रेस...
More »टूटा सपना: कच्चे घर ने छोड़ा साथ तो शौचालय को बनाना पड़ा आशियाना
रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर दिलाने के सपने पर पलीता लग रहा है। लोग घर के इंतजार में थक चुके हैं। कइयों के घर एक साल पहले गिर चुके हैं, मरम्मत के लिए पैसे नहीं होने से वे अब खुले आसमान तले जिंदगी बसर करने पर मजबूर हैं। मानवता को झकझोरने वाला मामला राजधानी से लगे धरसींवा ब्लॉक के ग्राम नेऊरडीह में आया है। शिवदास गेडरे का...
More »ऊंची इमारतों से झांकती समस्याएं -- अभिषेक कुमार सिंह
दुनिया में बढ़ते शहरीकरण के मद््देनजर, इमारतों के निर्माण के लिए ‘फ्यूचर इज वर्टिकल' यानी भविष्य आसमान की ओर देखने में है, यह जुमला काफी समय से कहा-सुना जा रहा है। नगरों के नियोजन और रखरखाव से जुड़े योजनाकारों का मत है कि भारत को भी अब ऊंची इमारतों के निर्माण के जरिए आवास की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। कई अन्य देशों की तरह भारत में भी यह चलन...
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