कभी भविष्यवाणी की गई थी कि दुनिया में अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा. दुनिया के करीब-करीब हर देश में पानी की मांग और आपूर्ति में अंतर जगजाहिर है. लेकिन हाल ही जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2025 तक जल संकट वाला देश बन जाएगा. अध्ययन में कहा गया है कि पानी की किल्लत को देखते हुए इस क्षेत्र में अगले कुछ साल में विदेशी कंपनियां 13 अरब डॉलर...
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श्रम सुधारों की साहसिक पहल
संजय सिंह, नई दिल्ली। अपने कार्यकाल के पहले साल में मोदी सरकार ने श्रम सुधारों के कठिन रास्ते पर आगे बढ़ने का साहसिक प्रयास किया है। लेकिन, कामयाबी इंस्पेक्टर राज के मोर्चे पर ज्यादा मिली है। इस दौरान जहां एक तरफ सरकार ने श्रम संबंधी मसलों को लेकर अपना एजेंडा स्पष्ट किया, वहीं विभिन्न पोर्टलों के जरिये श्रम प्रक्रियाओं को सुविधाजनक व पारदर्शी बनाने में काफी हद तक कामयाबी हासिल...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »गांवों की ओर भी देखें हुक्मरान- देविन्दर शर्मा
किसी गांव की एक महिला बकरी खरीदना चाहती है। वह आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। यह जानते हुए कि उसे मदद मिल सकती है, वह इस काम के लिए लघु वित्तीय संस्थान (एमएफआई) में संपर्क करती है। उसे लगभग 7,000 रुपए की जरूरत है। एक स्वयं सहायता समूह के जरिए काम कर रही एमएफआई उसे 24 प्रतिशत की दर पर ब्याज के हिसाब से यह...
More »खुदरा महंगाई दर घटकर पांच फीसद आई नीचे
नई दिल्ली। आर्थिक सुधारों से जुड़े कई बिल संसद में फंसने और शेयर बाजार की अस्थिरता से परेशान सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के अन्य मोर्चों से कुछ राहत भरी खबर है। मोदी सरकार संतोष जाहिर कर सकती है कि उसके कार्यकाल के पहले वर्ष में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर शून्य से बढ़कर 2.8 फीसद हो गई है। यह बाजार और वोटरों की उम्मीदों से भले कम हो, लेकिन राजग...
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