SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 552

स्थानीय बनाम बाहरी: मानेसर में प्रवासी मजदूरों पर हमला

-न्यूजलॉन्ड्री, “सर, उन्होंने कृष्णा का हाफ मर्डर कर दिया है. पहले कमरे में मारे और फिर बाहर ले जाकर सरिया से सर पर मार दिया. उसका ढेर सारा खून तो डेरा (कमरा) पर ही गिर गया था. बिना देखे मार रहे थे वे लोग.” बिहार के छपरा जिले के रहने वाले 24 वर्षीय छोटू कुमार यह बात हमें बताने के बाद चुप हो जाते हैं. दहशत से भरी उनकी चुप्पी में उनकी...

More »

छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए डोनेशन ऑन व्हील्स

-इंडिया टूडे,  छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए सख्त किस्म की लड़ाई शुरू की है. राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से लगने वाली अपनी सड़क सीमाएं सील कर दी है और अभी छत्तीसगढ़ में कुल 76,000 लोग होम क्वारेंटांइन में हैं. क्वारेंटाइंन में और भी लोग हैं, लेकिन होम क्वारेंटांइन में उनकी पूरी देख-रेख के लिए संबंधित थानेदार, स्वास्थ्य कर्मी, महिला विकास विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है....

More »

कोरोना वायरस से जुड़े चार मॉडल कौन-से हैं, जिनकी देशभर में चर्चा है?

-लल्लनटॉप,  देशभर में केंद्र, राज्य और जिलों तक के स्तर पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोशिशें की जा रही हैं. इन्हीं जगहों में से कुछ मॉडल निकलकर आए हैं. एक मॉडल ऐसा है, जिसने कोरोना को रोकने के लिए बेहतरीन काम किया है और ये बता रहा है कि क्या किया जा सकता है. तीन मॉडल ऐसे हैं, जिन्होंने बड़ी लापरवाही बरती और ये बता रहे हैं कि क्या नहीं...

More »

पहले कर्फ्यू और अब लॉकडाउन, जम्मू-कश्मीर के सेब, केसर और चेरी किसानों का क्या होगा?

-गांव कनेक्शन, "सेब के पेड़ों के बीच ही बड़ा हुआ हूं। जब से जानने लायक हुआ, तब से यही काम कर रहा हूं। हमारी कई पीढ़ियां इसी में खप गईं। नुकसान तो पिछले साल से ही हो रहा है, क्या करें, कुछ और कर भी तो नहीं सकते। हमारी किस्मत में यही सब लिखा है," जम्मू कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में रहने वाले इम्तियाज यारू (55) कहते हैं। लॉकडाउन की वजह...

More »

कोविड-19 महामारी को फैलाने में धार्मिक आयोजनों और यात्राओं की खतरनाक़ भूमिका

-मीडियाविजिल, कोविड-19 बीमारी को विश्व भर में फैलाकर महामारी बनाने में धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं की ख़तरनाक भूमिका दिखाई देती है। इसकी एक वजह ये है कि दूसरे आयोजन और समारोह में वर्गीय चरित्र ज्यों का त्यों (वर्गभेद) बने रहने के चलते वर्गीय दूरी बनी रहती है। जबकि धार्मिक आयोजनों में वर्ग भेद टूट जाता है। धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं में हर तरह के सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close