मौसम बदलाव के इस दौर में पानी का संकट एक बड़ी समस्या है, ऐसे में मुझे याद आती है छत्तीसगढ़ की टेड़ा पद्धति, जिसमें न केवल जरूरत के मुताबिक पानी निकाला जाता है, बल्कि इसमें पानी की आपूर्ति सतत् बनी रहती है, यह श्रम आधारित पद्धति है और किफायत से पानी खर्चने पर टिकी है. छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले का एक है गांव चराईखेड़ा। वह उरांव आदिवासियों का गांव है। उनकी...
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किसानों की बदहाली दूर करने के लिए...- शुभ्रता मिश्रा
हिन्दुओं की एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार पृथ्वी पर लगातार सौ वर्षों तक वर्षा नहीं हुई थी। अन्न-जल के अभाव में भूख से व्याकुल होकर समस्त प्राणी मरने लगे थे और इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया था। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी भगवती की उपासना की एवम् दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई।...
More »मर्ज का इलाज नहीं कर्ज माफी - डॉ भरत झुनझुनवाला
आठ साल पहले केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का कर्ज माफ किया था। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसानों की कर्ज माफी की है। दस वर्षों से भी कम अंतराल में किसानों का कर्ज दोबारा माफ करना पड़ा है। यह दर्शाता है कि मौजूदा व्यवस्था में किसान कर्ज लेते रहेंगे और सरकारें उसे माफ करती रहेंगी। कर्ज माफी किसान की...
More »कर्ज माफी अंतिम उपाय नहीं-- आर. सुकुमार
देश के कई हिस्से इन दिनों कृषि संकट से गुजर रहे हैं।काफी हद तक इसकी वजह खराब मानसून है। ज्यादातर इलाकों में किसान आज भी सालाना बारिश पर निर्भर हैं, लेकिन कम बारिश के चलते साल 2014 और 2015 उनके लिए अच्छे नहीं रहे, हालांकि 2016 में अच्छी बारिश हुई थी। इस संकट की एक वजह कमोडिटी साइकिल (उत्पादों का चक्र) भी है, जिसके कारण खाद्य उत्पादों की वैश्विक कीमतें चक्रानुक्रम...
More »बढ़ती तपिश के सुलगते सवाल-- मोनिका शर्मा
साल-दर-साल बढ़ती तपिश चिंता का विषय बन रही है। इस साल मार्च के महीने में ही गुजरात और महराष्ट्र में अलर्ट जारी करना पड़ा है। एक ओर जहां गुजरात के अहमदाबाद में भीषण गर्मी के कारण ‘येलो अलर्ट' जारी किया गया है वहीं दूसरी ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पारा रेकॉर्ड तोड़ रहा है। मौसम विज्ञानी चढ़ते पारे को बड़ी चिंता का विषय मान रहे हैं। मौसम की...
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