जबर्दस्त सरकारी तामझाम के साथ जीएसटी का आगाज़ हो चुका है। इस वक्त भले ही हर जगह जीएसटी को लेकर चर्चा छिड़ी हो, पर तय है कि देश 2017 द्वारा विमोचित कुछ अन्य बडी चुनौतियों की चर्चा से काफी महीनों तक बरी नहीं हो पायेगा| मसलन स्वयंभू (कम से कम सरकार तो यही कह रही है) गोरक्षकों की देश भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाई जा रही अंधी हिंसा की...
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हत्याओं पर सरकार का रुख-- आकार पटेल
क्या गोरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा, कहने का अर्थ है कि गोमांस के नाम पर भारतीयों की हत्या, भारत की एक समस्या है? अगर ऐसा है, तो इसके हल के लिए क्या किया जा सकता है? वेबसाइट इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार, गोमांस के नाम पर 97 प्रतिशत हिंसा नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई है. केंद्र और महाराष्ट्र, हरियाणा व अन्य दूसरे भाजपा शासित...
More »कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में भी किया किसानों का कर्ज माफ
नयी दिल्लीः गुजरात में भारतीय जनता पार्टी का विजय रथ रोकने और कर्नाटक में किसानों की कर्जमाफी को मुद्दा बनने से रोकने के लिए कांग्रेस ने तुरुप का पत्ता फेंक दिया है. पंजाब के बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी किसानों की कर्जमाफी का एलान कर दिया है. इसे प्रदेश में समय से पहले चुनाव कराये जाने के एक प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है. इससे पहले...
More »किसानों से क्रूरता की राजनीति-- पवन के वर्मा
शिवराज सिंह चौहान संभवतः एक सदाशयी व्यक्ति हैं. व्यापम घोटाले के गहरे दाग के बावजूद, सामान्यतः उन्हें एक अच्छा प्रशासक माना जाता रहा है. यह भी संभव है कि अपने शासन में पुलिस की गोलियों से छह किसानों की नृशंस हत्या से वे वस्तुतः क्षुब्ध हों. मंदसौर में अमन और आम हालात की बहाली के लिए किया गया उनका एकदिनी अनशन उनके समर्थकों के अनुसार एक सद्भावनापूर्ण संकेत था, हालांकि...
More »किसान आंदोलन: मंदसौर से पहले नंदीग्राम, सिंगुर, भट्टा-पारसौल और टप्पल में भी मारे गए अन्नदाता
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में किसान आंदोलन के उग्र होने के कारण पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और कथित तौर पर गोलियां भी चलायीं। गोलियां लगने के कारण 6 किसानों की मौत हो गई और दो घायल हो गए। इन घटनाओं के बीच पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच पिपल्यामंडी और आसपास के इलाकों में जमकर हिंसक घटनाएं और उपद्रव हुआ। आंदोलनकारी किसान...
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