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कमाई के कंगूरे और गरीबी का गर्त- धर्मेन्द्र पाल सिंह

स्विट्जरलैंड के बर्फीले नगर दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफाम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया। ‘एन इकोनॉमी फॉर दी 1%' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज महज बासठ खरबपतियों की संपत्ति 17.6 खरब डॉलर (1187.64 खरब रुपए) है, जो विश्व की आधी आबादी की दौलत के बराबर है। एक प्रतिशत अमीरों...

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वैश्चिक अर्थव्‍यवस्‍था में लड़खड़ाता 'ड्रैगन" और हम - सुषमा रामचंद्रन

चीन की कहानी किसी परीकथा की तरह है। लाखों गरीबों-मजलूमों का यह देश महज चंद दशकों में ही एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में जब उभरकर सामने आया तो सभी हतप्रभ रह गए। हालत यह हो गई?कि चीन को दुनिया की सबसे बड़ी फैक्टरी कहा जाने लगा : एक मैन्युफेक्चरिंग पॉवर हाउस! लेकिन अब लगता है कि चीन के उभार की कहानी जिस तरह से किसी परीकथा की तरह थी,...

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अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण सदस्य हैं हमारे बुजुर्ग

शिक्षा, सूचना एवं स्वास्थ्य में सुधार और इस कारण जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के कारण 60 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीयों की संख्या 1971-81 के बीच 5.3 फीसदी से बढ़ कर 5.7 फीसदी तथा 1991-2011 के बीच छह फीसदी से बढ़ कर आठ फीसदी हो गयी. लेकिन, देश में वरिष्ठ नागरिकों के लिए समुचित नीतियां नहीं हैं. अर्थव्यवस्था और समाज में उनकी भूमिका को सम्मान देने...

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युआन के अवमूल्यन से सरकार चिंतित

नई दिल्ली। चीन की मुद्रा के अवमूल्यन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, यह भारतीय निर्यात को महंगा कर देगा। केंद्र चीन से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए एंटी-डंपिंग ड्यूटी सहित आवश्यक कदम उठा सकता है। शुक्रवार को व्यापार, विकास व संवर्धन परिषद की पहली बैठक के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युआन का अवमूल्यन होने से भारत को चीन से...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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