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एक जुलाई से आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा पर विचार

रांची : खाद्य सुरक्षा की तैयारी को शनिवार को कमतर बताते हुए एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू करने से इनकार करने वाले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान रविवार को नरम दिखे. होटल बीएनआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरयू राय ने आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा की तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. झारखंड के कुछ जिलों में नक्सल समस्या भी है....

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छत्‍तीसगढ़ में धान की 257 देशी किस्मों का अनूठा संग्रह

रायपुर(छत्‍तीसगढ़)। धान की ज्यादा पैदावारी की होड़ में एक ओर किसान अब उन्‍नत और हाइब्रिड किस्म को अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों की एक समिति ने देशी धान की किस्मों को सहेजने की अनूठी मिसाल पेश की है। ये किसान धुर नक्सल और आदिवासी अंचल कोंडागांव जिले के छोटे से गांव गोलाबण्ड के हैं, जिन्होंने धान की 257 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। इसमें काटा मेहर,...

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संपूर्ण टीकाकरण की राह में खड़ी दुश्वारियां- अलका आर्य

बिहार के गया जिले के पट्टी टोला गांव के पट्टी बंगला नामक महादलित टोला के लोग आज भी इस मिथ के शिकार हैं कि बच्चों को टीका लगवाने से वे बीमार पड़ जाएंगे। इसलिए जब कभी भी वहां सरकारी बाल टीकाकरण कैंप लगाए जाते हैं, तो माता-पिता उस दिन बहाने बनाकर अपने बच्चों को वहां नहीं ले जाते। यह समस्या कमोबेश देश की कई अन्य गरीब बस्तियों में भी...

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जल, जंगल और जमीन लौटाओ तो हल होगी नक्सल समस्या - वीके सिंह

रायपुर। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री और सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह का कहना है कि नक्सली आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रभावित इलाकों तक विकास पहुंचाकर और स्थानीय लोगों को भरोसे में लेकर इस समस्या से निपटा जा सकता है। श्री सिंह मंगलवार को संस्कृति विभाग परिसर में आयोजित फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में शामिल होने यहां पहुंचे। मीडिया से चर्चा के दौरान जब...

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बीजापुर : गांवों में इलाज के लिए करना पड़ता है 25 किमी का सफर

बीजापुर(निप्र)। अंतिम गांव और अंतिम मकान तक विकास के सरकारी दावे महज कागजों और दिवारों तक ही सिमट कर रह गए हैं। बीजापुर जिले में आज भी दर्जनों गांव ऐसे हैं जो सरकार की पहुंच से कोसों दूर हैं इन्ही गांवों में रेडडी, चिन्ना जोजेर, पेददा जोजेर, कमकानार, चोखनपाल और पुसनार जैसे गांवों भी शामिल हैं। जहां सरकार तो क्या सरकार का कोई नुमाइंदा भी पिछले बीस वर्षों से नहीं पहुंच...

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