-बीबीसी, कोरोना का कोई ठोस इलाज फिलहाल मौजूद नहीं है. बावजूद इसके, प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आए तो आपको कई लाख इसके लिए ख़र्च करने पड़ सकते हैं. सोशल मीडिया पर कई अस्पतालों के रेट लिस्ट इन दिनों खूब वायरल हो रहे हैं. लेकिन कोविड19 के इलाज के लिए दो बातें जाननी बेहद ज़रूरी हैं. पहला ये कि हर किसी को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती....
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जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बरसात के कारण भारत के कई राज्यों में टिड्डियों के हमलों में बढ़ोतरी
कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...
More »श्रम क़ानूनों में ढील देने से बाल मज़दूरी बढ़ेगी
-द वायर, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के गठबंधन ने लॉकडाउन के बाद श्रम कानूनों में ढील देने से महिला श्रमिकों पर दुष्प्रभाव पड़ने और श्रमबल में बाल मजदूरों की शामिल होने की आशंका जताई है और सरकार से विधेयक की समीक्षा करने की अपील की है. गठबंधन- वर्किंग ग्रुप ऑन वुमेन इन वैल्यू चैन्स (डब्ल्यूआईवीसी) ने रेखांकित किया है कि कैसे आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए विभिन्न स्तर पर दी...
More »वापस लौटने लगे प्रवासी मजदूर, फिर जुड़ा पूरब का पंजाब से रिश्ता
-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पूरब का पंजाब से रिश्ता एकबारगी टूट गया था। यहां रोजी-रोटी कमा रहे दस लाख से ज्यादा मजदूर वापस उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड लौट गए थे। इतने बड़े पैमाने पर हुए प्रवासी श्रमिक पलायन ने सूबे के किसानों और उद्योगपतियों को गहरी चिंता में डाल दिया था। मध्य जून को धान रोपाई शुरू होती है और धीरे-धीरे इंडस्ट्री भी शुरू हो...
More »पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: कितनी बदली हवा?
-डाउन टू अर्थ, जनवरी 2019 में शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी), वायु गुणवत्ता प्रबंधन व अनुपालन के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा बनाने की दिशा में एक कदम है। कार्यक्रम के तहत, पीएम 10 और पीएम 2.5 के लिए राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (एनएएक्यूएस) को पूरा नहीं करने वाले 122 शहरों की पहचान “गैर-प्राप्ति” शहरों के रूप में की गई है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत शहर गंगा...
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