जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने नियामगिरी के निर्णय को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि यह मानकर चलना कि दिल्ली में बैठकर कुछ अधिकारियों द्वारा या कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा गांव के लोगों के विकास के लिए लिया गया फैसला बिल्कुल सही है, और ग्रामसभा जो कि अपने गांव के विकास के लिए इन फैसलो का विरोध करती है, वह गलत है, एक तरह से उनकी समझ पर सवाल...
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बदलते बिहार में मिड-डे मील- अश्विनी कुमार
मिड-डे मील से बच्चों की मौत ने न केवल देश की अंतरआत्मा को झकझोरा है, बल्कि बिहार में सुशासन व चमत्कारिक विकास की कमजोर नींव को भी उजागर किया है. पहले बगहा में 6 थारू आदिवासियों की पुलिस फायरिंग में मौत, फिर बोधगया आतंकी हमले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन में नौकरशाही के सहारे शासन चलाने के आरोप से बचने के लिए संभवत: सबसे कठिन हालात का...
More »भुखमरी के जनतंत्र में खाद्य-सुरक्षा- अश्विनी कुमार
खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर महीनों की दुविधा के बाद यूपीए सरकार ने आखिर अध्यादेश का रास्ता चुना. कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने इसे लाइफ सेवर (जीवन रक्षक) व लाइफ चेंजर (जीवन बदलनेवाला) करार दिया, जबकि विपक्षी पार्टियों और नीतिगत विश्लेषकों ने इसे लागू करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की. यह ऐतिहासिक फैसला देश के करीब 67 फीसदी लोगों को सस्ते अनाज पाने का कानूनी हक मुहैया करायेगा. इस...
More »अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....
भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...
More »भूमि अधिग्रहण और स्त्रियां- मुस्कान
जनसत्ता 29 अप्रैल, 2013: भूमि अधिग्रहण (पुनर्वास और पुनर्स्थापन) विधेयक अब कानून बनने की दिशा में निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। एक सौ सत्तासी संशोधनों के सुझावों के बाद अब अगर संसद में विधेयक पर मुहर लग जाती है तो एक तरफ जहां सरकार अपनी पीठ थपथपाएगी वहीं ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में जिनकी जमीनें अधिग्रहीत की जानी हैं, वे भी मुआवजा बढ़ने से शायद राहत महसूस करें। लेकिन...
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