नैतिकता, स्त्री-पुरुष संबंधों और स्त्री से जुड़े तमाम सवालों को लेकर हमारे सामाजिक और राजनीतिक जीवन में खासकर खाए-अघाए तबके में पाखंड इस कदर हावी है कि वह अपनी तमाम कुंठाओं को तरह-तरह से छुपाता है और सच का या कड़वे सवालों का सामना करने से कतराता और घबराता है। इसलिए 'नईदुनिया" के 18 मार्च के अंक में श्री अमूल्य गांगुली ने मेरी आलोचना करते हुए जो लेख लिखा, उससे...
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संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी- सुषमा वर्मा
भाजपा और कांग्रेस महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने और लोकसभा व विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की चाहे जितनी वकालत करें, उनकी कथनी और करनी में फर्क बरकरार है. महिलाओं के सशक्तीकरण तथा बराबरी की बात करनेवाले दलों की असलियत टिकट वितरण के समय सामने आ जाती है. यह भी देखने में आता है कि प्रमुख महिला प्रत्याशी के खिलाफ अकसर महिला को ही मैदान में उतारते है. ऐसे...
More »आठवीं के चार लाख बच्चे नहीं जानते जोड़ना-घटाना
रायपुर (निप्र)। छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत खराब है। कक्षा आठवीं के करीब चार लाख बच्चों को जोड़-घटाना नहीं आता। यानी 75 फीसदी बच्चे दहाई अंकों को जोड़-घटा नहीं सकते। आठवीं के 1.5 फीसदी बच्चे 1 से 9 तक के अंकों को पहचान नहीं पाते। इसी तरह 68 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के सरल वाक्य भी नहीं पढ़ पाते। आठवीं के 4.8 फीसदी बच्चे अंग्रेजी के कैपिटल लेटर को पहचान...
More »जंगल से सीखें कुपोषण का इलाज- प्रताप सोमवंशी
ओडिशा देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य के आदिवासी इलाके अकाल, भुखमरी, कुपोषण के विशेषण को अपनी पहचान के साथ ढोते रहते हैं। इन्हीं आदिवासी इलाकों का एक दूसरा सच भी जान लीजिए- लिविंग फार्म की ओर से दो जिलों के छह गांवों की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक यहां खाने-पीने की 121 चीजें पाई जाती हैं। इनमें 30 किस्म के मशरूम, जिसे स्थानीय बोली में...
More »योजना आयोग अभी भंग न करें : मांझी
पटना: बिहार ने योजना आयोग को जल्दबाजी में भंग करने का विरोध करते हुए इस मामले पर व्यापक चर्चा और निर्णय के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) की विशेष बैठक बुलाने की मांग की है. मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नयी दिल्ली में आयोजित बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि इस मसले पर विचार-विमर्श और परिचर्चा के बिना जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लें. 12वीं पंचवर्षीय के मध्य...
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