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भोजन के वादे की हकीकत ।। देविंदर शर्मा ।।

खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...

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अन्नश्री योजना के पात्र उम्मीदवारों का दायरा बढ़ा

जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली मंत्रिमंडल ने बुधवार को दिल्ली अन्नश्री योजना को व्यापक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी ताकि इस योजना का फायदा अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को मिल सके। प्रस्ताव में उदार पात्रता मानदंड का प्रावधान है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली...

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राज्यों को महंगी मिल रही है राशन की चीनी

बढ़ेगा बोझ - ऊंचे दाम पर चीनी की खरीद से राज्यों को करना होगा भुगतान निविदा के भाव मध्य प्रदेश को 32.87 रुपये प्रति किलो की दर से मिली निविदा केंद्र सरकार ने खरीद दाम तय किया हुआ है 32 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम पर खरीदी गई चीनी का भार राज्य सरकारों पर पड़ेगा कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से की सब्सिडी बढ़ाने की मांग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए राज्यों को महंगी...

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कितना कम जानते हैं हमारे सांसद

समाज के विभिन्न तबकों के लिए भोजन के अधिकार को लेकर काम कर रहे हम जैसे पंद्रह युवाओं का एक समूह पिछले हफ्ते कुछ सांसदों से मिला। इसकी वजह थी, संशोधित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पर उनसे चर्चा करना और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना। हमने तकरीबन सौ से अधिक सांसदों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनमें से महज 20 सांसदों से ही मुलाकात हो सकी। कई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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