SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 260

दुनिया एक और महामंदी की ओर? - परंजॉय गुहा ठाकुरता

क्या 1930 की महामंदी के बाद दुनिया एक और महामंदी की ओर बढ़ रही है? क्या हम यह मान लें कि वर्ष 2008 की मंदी इस महामंदी का शुरुआती दौर भर थी? दुनिया ग्रीस त्रासदी पर टकटकी लगाए हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन कहते हैं कि 1930 जैसी महामंदी के हालात फिर से निर्मित हो सकते हैं। अलबत्ता इसके एक दिन बाद ही आरबीआई द्वारा सफाई...

More »

बिरसा का अबुआ दिसुम अबुआ राज झारखंड में कब आयेगा?

नौ जून 1900 को रांची के जेल मोड़ स्थित कारागार में बिरसा मुंडा की मृत्यु हुई थी. नौ जून 2015 को उनकी 115 वीं पुण्यतिथि मनायी जा रही है. झारखंड में बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजा जाता है. बिरसा के नेतृत्व में 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे. बिरसा और उसके चाहनेवाले लोगों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर...

More »

मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)

पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया.  जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...

More »

खतरनाक है पब्लिक ट्रायल का विचार

‘तो यह समझ में आने लगा कि सीधे जनता को कानूनन यह ताकत देनी होगी कि यदि राशनवाला चोरी करे, तो शिकायत करने के बजाय सीधे जनता उसे दंडित कर सके. सीधे-सीधे जनता को व्यवस्था पर नियंत्रण देना होगा, जिसमें जनता निर्णय ले और नेता व अफसर उन निर्णयों का पालन करें.' साल 2012 में अरविंद केजरीवाल ने अपनी किताब के पेज नंबर 30 पर यह सवाल उठाया है. वे पूछ...

More »

सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश

अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close