क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
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मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »वर्षापात के फर्जी आंकड़ों को रोकने की कवायद
वर्षापात आंकड़ों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जिला व प्रखंड स्तर पर 'आटोमेटिक वेदर स्टेशन' स्थापित होंगे। राज्य में कृषि के विकास के लिए विश्वसनीय आंकड़ों का संग्रह आवश्यक है। केन्द्र की स्थापना को लेकर शुक्रवार को एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्धाटन योजना व विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश...
More »गेहूं आम व लीची पर बरपा कहर
कार्यालय संवाददाता, कांगड़ा : हाल ही में हुई बारिश व अधंड़ की वजह से जिलभर में गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊपरी क्षेत्रों में लीची और निचले इलाकों में आम की फसल भी बर्बाद हो गई है। ऐसे में इस बार बेमौसमी बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हालांकि बारिश से हुए नुकसान का अभी आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन बताया जा...
More »जैंतापुर का संकल्प - मेधा
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष २०१० को जैवविविधता का वर्ष घोषित किया था और २०१० में ही भारत सरकार ने दुनिया भर में अपनी जैवविविधता के लिए मशहूर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के निर्माण के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया। ९९०० मेगावाट के जैंतापुर परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के लिए रत्नागिरी इलाके की जिन जमीनों को लिया जा रहा है, वे जमीन पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। इस इलाके में १५० प्रकार के...
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