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जानें क्यों जंगलों में बीज बम फेंक रहे हैं ये युवा-- त्रिलोचन भट्ट

पहाड़ों में वन्य जीवों के कारण खत्म होती खेती को बचाने के लिए यहां के कुछ युवाओं ने एक अभिनव प्रयास शुरू किया है और इसे नाम दिया है ‘बीज बम'। इस प्रयास को पूरे पर्वतीय क्षेत्र में लोगों की आदतों में शामिल करके इसे एक आंदोलन का रूप देने की तैयारी में जुटे ये युवा फिलहाल आगामी 25 से 31 जुलाई तक पूरे उत्तराखंड और कुछ अन्य राज्यों...

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जंगलों की विरासत सहेजते आदिवासी - बाबा मायाराम

छत्तीसगढ़ के मैकल पहाड़ की तलहटी में बसे आदिवासी वन अधिकार पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उनकी उम्मीदें राज्य में नई सरकार बनने से बढ़ गई हैं, जो स्वयं भी वन अधिकार देने की प्रक्रिया चला रही है। गांवों में जगह-जगह आदिवासी सामुदायिक वन अधिकार के लिए दावा कर रहे है।   हाल ही मैंने बिलासपुर जिले के करपिहा,जोगीपुर,बैगापारा, मानपुर, सरईपाली आदि कई गांवों का दौरा किया, जहां वन...

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वनबंधु कल्याण योजना: 100 करोड़ का बजट घटा कर एक करोड़ किया गया, ख़र्च नहीं हो रही राशि

नई दिल्ली: तारीख पे तारीख. ये अकेला डायलॉग भारतीय न्यायिक व्यवस्था की कहानी बता देता है. ठीक इसी तरह का एक शब्द भारतीय शासन व्यवस्था में काफी प्रचलित है. इस शब्द का नाम है ‘योजना'. सरकारें सोचती हैं कि योजना बना दो, विकास हो जाएगा. योजनाएं बनती हैं, पैसा आवंटित होता है और फिर उसके बाद योजनाओं को स्थानीय अधिकारियों के भरोसे क्रियान्वयन के लिए छोड़ दिया जाता है. पिछले 70 सालों...

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केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 170,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में खनन को मंजूरी दी

नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के परसा में घने हसदेव अरंद जंगल में ओपन कास्ट कोल माइनिंग को पर्यावरणीय मंजूरी दे दी. इस फैसले से भारत में वन संरक्षण के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हसदेव अरंद लगभग 170,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला मध्य भारत के घने जंगलों में से एक है. परसा हसदेव अरंद के 30 कोयला ब्लॉकों में से एक है,...

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आंकड़े बताते हैं कि खेती में आमदनी दोगुनी करने का नारा जुमला ही रहने वाला है- रवीश कुमार

भारत में कार्य बल का 47 प्रतिशत कृषि से जुड़ा है. 2018-19 में कृषि, मत्स्य पालन, वनोपज की जीवीए [Gross Value Added] 2.7 हो गई है. 2017-18 में 5 प्रतिशत थी. एक साल में 46 प्रतिशत की यह कमी भयावह है. यह आंकड़े सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑफिस के हैं. खेती के मामले में इस साल का पिछले साल से तुलना करने में दिक्कत होती है क्योंकि 52 प्रतिशत खेती मानसून पर निर्भर...

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