इंडियास्पेंड, 16 अप्रैल पौड़ी के चौबट्टाखाल के मजगांव में अक्टूबर, 2022 की एक शाम लगभग 55 साल की शकुंतला देवी अपनी गाय के लिए घास काट रही थीं। तभी अचानक एक गुलदार (लेपर्ड, पंथैरा पार्डस) ने उन हमला कर दिया। गुलदार ने उनका पैर पकड़ने की कोशिश की और वह नीचे दूसरे खेत में जा गिरीं। इसके बाद जब गुलदार उनकी गर्दन पर लपका तो शकुंतला ने घास काटने वाली दराती...
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कैसे काम करता है भीख मांगने और सर्कस से बचाए गए हाथियों का संरक्षण केंद्र
मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह से उसे बचाया न जा सका। हथिनी का नाम चंपा था और बचाने वाली टीम वाइल्डलाइफ एसओएस नामक संस्था की थी। इस संस्था की स्थापना साल 1995 में भारत के भारत के वन्यजीवन की रक्षा के लिए...
More »वनों की 1996 की परिभाषा पर लौटने का आदेश सराहनीय, लेकिन नाकाफी: विशेषज्ञ
कार्बन कॉपी, 27 फरवरी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में सरकार द्वारा वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में किए गए संशोधनों पर रोक लगाते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वह उसके 1996 में दिए गए आदेश में वर्णित ‘वन’ की परिभाषा का पालन करें। यह पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वन में रहने वाले समुदायों के लिए एक बड़ी जीत है। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में पिछले साल किए गए संशोधनों...
More »आखिर क्यों स्थिर हो गयी है गिद्धों के कुछ प्रजातियों की आबादी ?
इंडियास्पेंड, 19 फरवरी कार्बेट टाइगर रिजर्व से उड़ा एक शिकारी परिंदा, सफेद दुम वाला गिद्ध, करीब 200 किमी दूर देहरादून के पास सेलाकुई क्षेत्र के आसपास डेरा डाले हुए है। क्या इतनी लंबी उड़ान का उद्देश्य भोजन है, साथी की तलाश है, क्या वह यहां अपना घोंसला बनाएगा, या वापस लौटेगा, ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब, उसके दो पंखों के बीच लगे सैटेलाइट टैग से मिलेंगे। इन शिकारी पक्षियों की मौजूदा...
More »मध्य प्रदेश के जंगलों में क्यों कम हो रहा है औषधीय पौधों का उत्पादन
मोंगाबे हिंदी, 01 फरवरी “हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है,” रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में रहने वाली गुड्डी बाई कहती हैं। गुड्डी बाई बस्ती की कुछ महिला और पुरुषों के साथ एक घेरे में बैठ कर किसी मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं। पूछने पर गुड्डी बताती हैं, “जंगल में अब इतना...
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