सिंहभूम पूर्वी जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत पोटका पंचायत की मुखिया पानो सरदार को संपूर्ण प्रखंड क्षेत्र के लोग जानते हैं. पानो सरदार को लोग इसलिए नहीं जानते कि वह एक मुखिया हैं. बल्कि मुखिया से ज्यादा लोग उन्हें सहिया के रूप में जानते हैं. हालांकि पानो सरदार सरमंदा ग्राम पंचायत की सहिया हैं. परंतु प्रखंड की किसी भी पंचायत की सहिया व उनके क्षेत्रों के मरीजों की कोई समस्या हो तो...
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चाय के लिए 5, मिड डे मील को 3.51
जमशेदपुर: स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने के लिए मिड डे मील योजना धरातल पर उतारी गयी. योजना के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी, लेकिन बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता का अंदाजा महज इससे लगाया जा सकता है कि हर दिन पांचवीं तक के एक बच्चे के लिए 3 रुपये 51 पैसे और छठी से आठवीं तक के एक बच्चे के लिए सरकार 5 रुपये 25 पैसे देती है....
More »जनहित याचिका के ऐतिहासिक नतीजे
हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...
More »मुखिया संवार रहे हैं गांव-पंचायत की सूरत
सरकार द्वारा पंचायतों को हस्तांतरित अधिकार का भरपूर उपयोग जामाताड़ा जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने किया. जब से सरकार ने शिक्षा, कल्याण, स्वास्थ्य, आपूर्ति, मनरेगा योजना का संचालन सहित अन्य कार्यक्रमों के अनुश्रवण का जिम्मा पंचायतों को दिया है, तब से इन प्रतिनिधियों में काम करने का एक अलग उत्साह देखा जा रहा है. प्रतिनिधि सरकार की सभी कल्याणकारी एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद लोगों को दिलाने के...
More »तेलंगाना की तस्वीर- विनय सुल्तान
जनसत्ता 16 नवंबर, 2013 : तेलंगाना की सात दिन की यात्रा से पहले मेरे लिए तेलंगाना का मतलब था आंदोलनकारी छात्र, लाठीचार्ज, आगजनी, आत्मदाह, रवि नारायण रेड्डी और नक्सलबाड़ी आंदोलन। संसद के शीतकालीन सत्र में तेलंगाना के दस जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी का मुस्तकबिल लिखा जाना है। मेरे लिए यह सबसे सुनहरा मौका था वहां के लोगों के अनुभवों और उम्मीदों को समझने का। पृथक राज्यों की मांग के पीछे...
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