नयी दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी. भारत की रिपोर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक समस्याएं आत्महत्या...
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खतरा: बारिश में और देरी हुई तो पूरे साल रोना पड़ेगा
बारिश का इंतजार और मानसून की दगाबाजी हर साल की तरह इस बार भी जारी है। जुलाई में भी बारिश का इंतजार ही हो रहा है। इस बार पूरे भारत में सालाना औसत (163.5 मिली मीटर) से 29 प्रतिशत कम बारिश हुई है। जून के अंत में देश में सिर्फ एक मेट्रोलॉजिकल सब-डिवीजन में ही बरसात औसत से ज्यादा हुई है जबकि जून 2011 में 16 डिवीजन में बरसात ने यह...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
More »खादी से पलेंगे 50 हजार परिवार
झारखंड का कुचाई सिल्क व तसर आज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है. इसकी चमक और धमक पश्चिम के देशों में भी महसूस की जा रही है. कोकून उत्पादन में झारखंड अव्वल है. आंकड़े बताते हैं कि दुनिया का 60 प्रतिशत कोकून भारत में उत्पादित होता है. और भारत का 60 प्रतिशत कोकून झारखंड में. लाह उत्पादन में भी झारखंड की स्थिति काफी अच्छी है. इसके अलावा यहां सैकड़ों प्रकार के...
More »कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
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