रायपुर। छत्तीसगढ़ के सात जिलों में बाल श्रमिकों के लिए 244 बाल श्रम शालाएं संचालित की जा रही है जिसमें लगभग 13 हजार बाल श्रमिक अध्ययन कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के सात जिलों में बाल श्रम प्रथा को खत्म करने और इसके विरुद्ध जन-जागरण के लिए 244 बाल श्रम शालाएं संचालित की जा रही हैं। इन शालाओं में खतरनाक और अस्वास्थ्यकर कार्यो से मुक्त कराए गए बच्चों...
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ग्रामीण लाइब्रेरियों में पुस्तकों की नहीं हो रही खरीद
पटना सार्वजनिक पुस्तकालयों में पर्याप्त संख्या में पुस्तकों की खरीद न होने से सूबे में चल रहे साक्षरता अभियान झटका लग सकता है। खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में यह समस्या अधिक जटिल होने वाली है जहां नवसाक्षर लोगों को सतत अध्ययन के प्रति प्रेरित करने के लिए किताबें उपलब्ध नहीं होने से वे फिर निरक्षरता के गर्त में गिर सकते हैं। मानव संसाधन विकास विभाग सूत्रों के अनुसार बजट में लाइब्रेरियों के लिए 80...
More »एनटीएडीसीएल सूचना-अधिकार के दायरे में : मद्रास उच्च न्यायालय
हाल ही में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा न्यू तिरुपुर एरिया डिवेलपमट कार्पोरेशन लिमिटेड, (एनटीएडीसीएल) की याचिका खारिज कर दी गई है। कंपनी ने यह याचिका तमिलनाडु राज्य सूचना आयोग के उस आदेश के खिलाफ दायर की थी जिसमें आयोग ने कंपनी को मंथन अध्ययन केन्द्र द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था। एक हजार करोड़ की लागत वाली एनटीएडीसीएल देश की पहली ऐसी जलप्रदाय परियोजना...
More »मलेरिया के परजीवी को मारेगी हल्दी!
कुरुक्षेत्र [राजेश चौहान]। मलेरिया के परजीवी को अब हल्दी से काबू पाया जाएगा। हल्दी में पाया जाने वाला क्यूरकोनिन पदार्थ मलेरिया को तीन दिन में परास्त कर रोगी को स्वस्थ करेगा। पशुओं पर इस ट्रायल को शत-प्रतिशत सफलता मिली है और क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण जारी है। पद्मभूषण तथा भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर जी पद्मनाभन ने मलेरिया के अचूक इलाज का यह फार्मूला खोजा है। सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गोयल पुरस्कार से...
More »गरीब लड़कियों पर कैंसर रोधी टीके का टेस्ट रुका
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चौतरफा विरोध के बाद आखिरकार सरकार को गरीब लड़कियों पर कैंसर के विवादित टीकों का परीक्षण रोकना पड़ा है। इस परीक्षण का लगातार बचाव करता रहा स्वास्थ्य मंत्रालय अब मान रहा है कि इस अध्ययन के दौरान गरीब लड़कियों और उनके परिवार वालों को धोखे में रखा गया। लंबे समय से इस अध्ययन का बचाव कर रहा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद [आईसीएमआर] भी अब विवाद के घेरे में आ गया है। ...
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