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कोयला उद्योग की पांच दिन की हडताल शुरू

कोलकाता-नयी दिल्ली : मजदूर संगठनों ने आज पांच दिन की कोयला उद्योग हडताल शुरू की जिसे उन्होंने 1977 के बाद किसी भी क्षेत्र में की गई अब तक की सबसे बडी औद्योगिक हडताल करार दिया है. ये संगठन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया के विनिवेश और पुनर्गठन के खिलाफ हडताल कर रहे हैं. ये मजदूर ऐसी किसी योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जिसे वे ‘कोयला...

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शिक्षा की अलख जगा रही आदिवासी महिला सरपंच

रघुनंदन सोनी-कोरबा। यूं तो जिले में 185 महिला सरपंच है, पर इनमें सबसे पढ़ी-लिखी महिला सरपंच की बात करें तो सबसे पहले रेणुका राठिया का नाम सामने आता है। राजनीति शास्त्र में एमए करने वाली रेणुका पिछले 10 साल से न केवल घर का चूल्हा चौका करती है बल्कि पंचायत का कामकाज भी निपटाती है। इसके अलावा उसका प्रमुख मिशन ग्रामीणों को शिक्षित करना भी है। इसके लिए वह बच्चों...

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कब समझेंगे उनके बेघर होने का दर्द- सुभाषिनी सहगल अली

बहुत ही छोटा-सा शब्द है घर। लेकिन शायद इससे ज्यादा महत्व और मायने से भरा शब्द किसी इन्सान के लिए है ही नहीं। इसका होना उसको 'अपना' कहने वाले को पहचान, परिभाषा, संरक्षण- सब कुछ देता है। इसलिए बेघर हो जाने से बड़ी सजा किसी को नहीं दी जा सकती। ऐसा नहीं है कि राहुल की मां अकेले ही बेघर हुई। 15 साल पहले, जनवरी के सर्द दिनों में उनके...

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औरतों की माहवारीः कब तक जारी रहेगी शर्म?- रुपा झा

"मैं अपनी बेटी को माहवारी के दौरान उन तकलीफों से नही गुज़रने दूंगी जिससे मैं गुज़रती रही हूं." 32 साल की मंजू बलूनी की आवाज़ में एलान करने जैसी दृढ़ता थी और आंखों में चमक. वे कहती हैं, "मुझसे मेरा परिवार तब अछूत की तरह व्यवहार करता है. मैं रसोई में नहीं जा सकती, मंदिर में जाना मना है, पूजा नहीं कर सकती, यहां तक कि दूसरों के साथ बैठ भी नहीं...

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जंगल से सीखें कुपोषण का इलाज- प्रताप सोमवंशी

ओडिशा देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य के आदिवासी इलाके अकाल, भुखमरी, कुपोषण के विशेषण को अपनी पहचान के साथ ढोते रहते हैं। इन्हीं आदिवासी इलाकों का एक दूसरा सच भी जान लीजिए- लिविंग फार्म की ओर से दो जिलों के छह गांवों की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक यहां खाने-पीने की 121 चीजें पाई जाती हैं। इनमें 30 किस्म के मशरूम, जिसे स्थानीय बोली में...

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