-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश की जर्जर कानून व्यवस्था हमेशा से सवालों का मुद्दा रहा है. रामराज्य का वादा करके सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ की सरकार में कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. ताजा मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में देखने को मिला, जहां एक टीवी पत्रकार की गांव के दंबगों गोली मारकर हत्या कर दी. 45 वर्षीय पत्रकार रतन सिंह की सोमवार रात ग्राम प्रधान के घर...
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दिल्ली दंगों पर अपनी जाँच रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
-बीबीसी, मानवाधिकारों पर काम करने वाला अंतरराष्ट्रीय ग़ैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), 'एमनेस्टी इंटरनेश्नल' ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फ़रवरी में हुए दंगों पर अपनी स्वतंत्र जाँच रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस पर दंगे ना रोकने, उनमें शामिल होने, फ़ोन पर मदद मांगने पर मना करने, पीड़ित लोगों को अस्पताल तक पहुंचने से रोकने, ख़ास तौर पर मुसलमान समुदाय के साथ मारपीट करने जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं. दंगों के...
More »पैकेज बिना सब सूना
-आउटलुक, “मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित” विक्रम देकाते की औरंगाबाद में डेक्सन कास्टिंग नाम की कंपनी है, जो दोपहिया वाहनों के लिए एल्युमिनियम कास्टिंग करती है। उन्होंने प्रॉपर्टी के एवज में एक एनबीएफसी से कर्ज ले रखा था। लॉकडाउन के दौरान कैशफ्लो घट गया तो इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत वर्किंग कैपिटल लोन...
More »‘एक्ट ऑफ गॉड’ का दावा कर वित्त मंत्री ने कहा, इस वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में हो सकता है संकुचन
-द वायर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 41वें जीएसटी काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दावा किया कि इस वित्त वर्ष में ‘एक्ट ऑफ गॉड’ (भगवान का किया हुआ) के कारण अर्थव्यवस्था में संकुचन हो सकता है. सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी परिषद की पांच घंटे की बैठक के बाद...
More »कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?
-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...
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