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दूसरों का हिस्सा हड़पने वाले- सुभाष गताडे

बीते दिनों जबलपुर उच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में भाजपा के विधायक एवं पूर्व मंत्री मोती कश्यप के निर्वाचन को फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा करने के आधार पर अवैध घोषित किया। कटनी जिले के बड़वारा से चुनाव जीते मोती यों तो पिछड़ी जाति से संबद्ध रहे हैं, मगर उन्होंने चुनाव अनुसूचित तबके के लिए आरक्षित सीट से लड़ा। उनके चुनाव को बड़वारा के रामलाल कोल ने चुनौती दी थी। केवट जाति...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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धिंकिया पंचायत में हुए बम विस्फोट पर केंद्रित फैक्ट फाईंडिंग रिपोर्ट का लोकार्पण

ओडिसा के जगतसिंहपुर जिले के धिंकिया और गोविन्दपुर गांव का 9 मार्च 2013 के दिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार के हिमायतियों के एक दल ने दौरा किया था। 2 मार्च 2013 के दिन गोविन्दपुर गांव में एक बम-विस्फोट हुआ जिसमें तीन जन की मौके पर ही मौत हो गई थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस इस घटना के 15 घंटे बाद मौका-मुआयना को पहुंची...

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झूठी, एकतरफा और मनगढ़ंत!-प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट ( क्षमा के साथ)

प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट क्षमा के साथ भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) की किसी रिपोर्ट के लिए पहली बार यह विशेषण हमने इस्तेमाल किया कि प्रेस परिषद की बिहार रिपोर्ट झूठी है, एकतरफा है, मनगढ़ंत है या पूर्वग्रह से ग्रसित है. या किसी खास अज्ञात उद्देश्य से बिहार की पत्रकारिता और बिहार को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हम ऐसा निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर निकाल...

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देश के सबसे ज्यादा 'वीआईपी' हैं बिहार में, सालाना ख़र्च 141.95 करोड़- मणिकांत ठाकुर

पटना। \'बॉडी गार्ड्स\' मुहैया करवाने की मद में सबसे अधिक ख़र्च करने वाला राज्य भी बिहार ही है. यहाँ इस मद में सालाना ख़र्च की रक़म 141.95 करोड़ रुपये है. बिहार सरकार की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में पेश एक हलफ़नामे के बाद ये तथ्य सामने आए हैं. ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा जुटाए आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. देश भर में 14,842 \'अति महत्वपूर्ण\' व्यक्तियों की सुरक्षा में...

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