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फाइलेरिया की टेबलेट खाने से 3 सौ से अधिक बच्चे बीमार

बिलासपुर/पथरिया, नईदुनिया न्यूज। मुंगेली जिले के पथरिया ब्लाक में बुधवार को फाइलेरिया की टेबलेट खाने के बाद 300 से अधिक बच्चों को उल्टी, पेट में दर्द और चक्कर की शिकायत हुई। इसके बाद परिजन बच्चों को लेकर आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। गंभीर रूप से पीड़ित एक किशोरी को उपचार के लिए सिम्स रिफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी...

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कहर ना बन जाए कुदरत की सौगात - मृणाल पांडे

भरपूर मानसून का आना शहर और गांव हर कहीं खुशी का माहौल रचता है। पर इधर जब से नगर, महानगर में और कुछ चुनिंदा शहर स्मार्ट सिटी में बदलने शुरू हुए हैं, बरसात की खुली झड़ी हर शहर, हर कस्बे पर एक आफत बनकर बरसती है। सड़कों पर उफनते नालों-सीवरों का भलभलाकर उलट आना, भारीभरकम जाम, घरों के भीतर घुसे पानी से जान-माल की तबाही, यह हमने गए सालों में...

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आदिवासी आश्रम की बच्चियों से खेतों में काम करवा रही थी अधीक्षिका

नारायणपुर, ब्यूरो। जिले के बेनूर स्थित कन्या छात्रावास की अधीक्षिका पीला बाई कुलदीप द्वारा छात्रावासी बच्चियों से दबावपूर्वक अपने परिचित के खेत में रोपाई करवाने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के बाद एसडीएम व प्रशासनिक दल ने बच्चियों को मौके से लाकर कलेक्टर के बंगले में रखा है। बेनूर कन्या आश्रम की अधीक्षिका पखवाड़े भर से आश्रम की एक दर्जन से अधिक बच्चियों को दबाव डालकर बेनूर से 20...

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शौचालय नहीं, तो कार्यालय भी नहीं

सासाराम (नगर) : शौचालय नहीं होने से प्रखंड प्रमुख ने कार्यालय को स्थानांतरित करने के लिए प्रशासन से गुहार लगायी है. सासाराम की प्रखंड प्रमुख राम कुमारी देवी ने कहा कि प्रमुख कार्यालय में शौचालय ठीक नहीं है. कार्यालय को ई किसान भवन में स्थानांतरित करने के लिए उपविकास आयुक्त को पत्र लिखा गया है. वहीं प्रखंड कार्यालय पर प्रमुख द्वारा द्वारा शौचालय के कारण कार्यालय को अन्यत्र हटाये...

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जातीय संरचना, अहिंसा और अंबेडकर-- अजमेर सिंह काजल

आधुनिक काल में ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर ने शासन, सत्ता और संस्कृति के विभिन्न केंद्रों में मौजूद जातीय सैद्धांतिकी को चुनौती देकर ऐतिहासिक कार्य किया। सामाजिक समानता का जो अहसास बाबा साहेब आंबेडकर को संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ते हुए हुआ, वह हमारे लोकजीवन में कहीं नहीं था। इसलिए शिक्षा प्राप्ति के बाद भारत वापस आने पर उन्होंने इसी लोक जीवन में व्याप्त सदियों पुरानी बीमारियों...

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