लिखा तो था ‘खुदा’ मगर नुक्ते के फेर से बन गया ‘जुदा’. आशीष नंदी का ‘विवादास्पद बयान’ वाला मुद्दा कुल मिला कर उर्दू की इस कहावत जैसी बात थी, जिसका बतंगड़ बन गया है. जिंदगी भर समाज के हाशियाग्रस्त समूहों की हिमायत करनेवाले आशीष नंदी दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय के पक्ष में एक बारीक तर्क गढ़ रहे थे. बात रखते-रखते एक वाक्य में जुबान फिसल गयी. और बस, सारा मीडिया उस...
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पश्चिम बंगाल के जिले में पहली महिला अदालत शुरू
मालदा (भाषा) महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों से निबटने के लिए देश में पहली बार महिला न्यायाधीश एवं महिला कर्मचारियों वाली अदालत का आज पश्चिम बंगाल के मालदा में उद्घाटन किया गया। अधिकारियों ने बातया कि यह अदालत त्वरित इंसाफ के लिए महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के सभी मामलों की सुनवाई करेगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्रा ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आज यहां इस अदालत का...
More »न्यायमूर्ति जेएस वर्मा समिति की रिपोर्ट
16 दिसंबर को दिल्ली में हुई बलात्कार की नृशंस घटना के बाद न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने महिलाओं को समाज में सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है. दिल्ली में न्यायमूर्ति वर्मा, गोपाल सुब्रह्मण्यम और जस्टिस लीला सेठ ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान इस रिपोर्ट को जारी किया. इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 80,000 लोगों का सुझाव लिया...
More »आंदोलन का जश्न -- मेधा( कुडनकुलम से विशेष रिपोर्ट)
इस बार 31 दिसंबर की शाम कुछ अलग तरह से गुजर रही है। दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर कन्याकुमारी के तटीय गांव इदिंतकराई में। तमिल में इदिंतकराई का अर्थ है- टूटा हुआ तट। यह गांव बंगाल की खाड़ी के जिस तट पर बसा है, वह एक जगह से टूटा है। गांव के नाम में, उसके तट में टूटन भले हो, लेकिन यहां के लोगों मंे कहीं आपसी टूटन नहीं दिख...
More »पुलिस का चेहरा- प्रेमपाल शर्मा
जनसत्ता 18 जनवरी, 2013: स्त्री की हिफाजत, हैसियत, बराबरी के किसी मुद्दे पर इतना बड़ा तूफान भारतीय समाज में शायद पहले कभी न खड़ा हुआ हो। दिल्ली में ही लोग सड़कों पर नहीं उतरे, मणिपुर, जम्मू, चेन्नै से लेकर मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में भी आक्रोश और पश्चाताप के अलग-अलग स्वर सुनने को मिले। हमारी सामाजिक गिरावट की विडंबना का एक नमूना यह भी रहा कि फिजा में फैली फांसी की मांग...
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