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गरीबों, बेसहाराओं को न्याय दिलाने के लिए काटजू बनाएंगे एनजीओ

मुंबई: मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में दोषी ठहराए गए अभिनेता संजय दत्त और जैबुनिस्सा काजी को माफी देने की वकालत करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू गरीब तथा बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने के लिए \'द कोर्ट ऑफ लास्ट रिसोर्ट\' के नाम से गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) बनाएंगे। \'कोर्ट ऑफ लास्ट रिसॉर्ट\' का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और राज्यों...

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लड़कियां खौफ से करती हैं बंधुवा मजदूरी- रणजीत वर्मा

बीते सप्ताह तीन ऐसे मामले सामने आये जिससे पता चलता है कि नाबालिग लड़कियों को घर की मजबूरी या मालिक की जबरदस्ती की वजह से घरेलू नौकर बनाकर रखना आम बात हो गयी है। मामला रसूखदार परिवार का हो तो केस दर्ज करने से पुलिस भी घबराती है। पहला वाकया दो मार्च का है जब कांग्रेस पार्टी के नेता और प्रमुख व्यवसायी में गिने जानेवाले निवारणपुर निवासी चंचल चटर्जी के घर...

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सीरिया की प्रयोगशाला-अख़लाक, अहमद उस्मानी

जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...

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कैंसर दवा पेटेंट मामले में नोवार्टिस मुकदमा हारी, 15 गुना सस्ती हो सकती है दवा

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने स्विस दवा कंपनी नोवार्टिस एजी की एक कैंसररोधी दवा के पेटेंट दावे को खारिज कर दिया। अदालत के फैसले की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सराहना की। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एक अहम फैसला देते हुए कैंसर की दवा ग्लिवेक (इमैटिनिब मेसिलेट) पर स्विस कंपनी नोवार्टिस एजी के पेटेंट का दावा खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि कंपनी पेटेंट की जांच पर खरी नहीं उतरी। न्यायमूर्ति आफताब...

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मर्ज कुछ इलाज कुछ- मुकेश कुमार

 जनसत्ता 23 मार्च, 2013: भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने पत्रकारों की योग्यता मापने के पैमाने तय करने के जिन उपायों की बात की है उनसे स्वाभाविक ही विवाद पैदा हो गया है। उनके अव्यावहारिक नुस्खों से किसी भी तरह सहमत नहीं हुआ जा सकता। पत्रकारिता में आई गिरावट के लिए जिन चीजों को वे जिम्मेदार बता रहे हैं, उन्हीं से पता चलता है कि वे समस्या...

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