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अयोध्या में जन्मभूमि शिलान्यास के मायने भविष्य के भारत के लिए- नज़रिया

-बीबीसी, साल 1951 से ही इस बहस की शुरूआत हो गई थी, और अब यह बहस एक निर्णायक दौर में पहुँच गई है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद उसके उद्घाटन की तारीख़ रखी गई और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को बुलावा भेजा गया, तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि 'धार्मिक मुद्दों को राष्ट्र के मुद्दों से अलग रखा जाए' और उन्होंने राजेंद्र प्रसाद को...

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भारी बारिश बन रही है किसानों के लिए नुकसान का सबब

-डाउन टू अर्थ, बारिश न हो तो किसान को नुकसान होता है और बारिश बहुत ज्यादा हो तो किसान को नुकसान होता है। कुछ ऐसा 2019 में हुआ। 2019 में मॉनसून के बाद अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए किसान उम्मीद कर रहे थे कि बंपर पैदावार होगी। लेकिन मार्च से अप्रैल के बीच देशभर में 354 भारी बारिश की घटनाएं हो गईं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह बारिश 64.5...

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क्यों प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई कई पूर्व जजों को भी सही नहीं लगती है

-सत्याग्रह, किस्सा 1987 का है. पीटर राइट की आत्मकथा ‘स्पाइकैचर: द कैंडिड ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ सीनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर’ ने छपते ही धूम मचा दी थी. राइट ब्रिटेन की खुफिया सेवा एमआई5 के पूर्व सहायक निदेशक थे. ऑस्ट्रेलिया में छपी उनकी इस आत्मकथा में स्वेज संकट के समय एमआई5 द्वारा मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुल नासिर की हत्या की साजिश जैसे कई सनसनीखेज दावे किए गए थे. स्वाभाविक ही था कि इंग्लैंड...

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पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत

हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...

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जलस्रोतों में छिपा है पहाड़ के भू-कटाव का समाधान

-वाटर पोर्टल, पहाड़ हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। हर कदम पर संघर्ष और चुनौती यहां के लोगों के जीवन का हिस्सा रहे हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन बढ़ने के साथ-साथ पहाड़ पर चुनौतियों का स्वरूप ही बदलता जा रहा है। बादल फटना, बाढ़, भूस्खलन और भू-कटाव आदि एक तरह से लोगों के जीवन का हिस्सा ही बन गए हैं, जिनसे हर साल उन्हें दो-चार होना पड़ता है। इससे न केवल यहां के...

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