यह दुखद सच्चाई पिछले दिनों एक सर्वेक्षण के जरिये सामने आई कि भारत अनपढ़ वयस्कों की सर्वाधिक आबादी वाला देश है। आंकड़ा बताता है कि अनपढ़ों की यह जनसंख्या उन्तीस करोड़ को छूने जा रही है। इससे अधिक चिंता का विषय और क्या होगा कि पूरी दुनिया की अनपढ़ आबादी का 37 फीसदी हिस्सा उस भारत में है, जो अपने आप को विश्व गुरु मानता रहा है, और जिस देश के...
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पंद्रह साल में 12 गुना बढ़ी देश के अमीरों की दौलत
वाशिंगटन। भारत के अमीरों की दौलत पिछले 15 साल में 12 गुना बढ़ी है। उनके पास कितनी संपत्ति है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस राशि से देश की गरीबी एक साल में दो बार दूर की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की मुखिया क्रिस्टीन लगार्ड ने यह बात कही है। उन्होंने भारत सहित दुनियाभर में बढ़ रही आर्थिक असमानता पर चिंता जताते...
More »भटके हुए चुनाव अभियान- सुनील खिलनानी
एक उम्मीदवार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर है। वहीं दूसरा पुनर्वितरण और सशक्तिकरण की वकालत कर रहा है। एक तीसरा उम्मीदवार भी है, जो विकास की अलख जगाते हुए एक नए राष्ट्रीय गौरव का आह्वान कर रहा है, जिसमें हिंदुओं को पीड़ित बताए जाने की मंशा अंतर्निहित है। लेकिन दिक्कत यह है कि हमारे ये तीनों संभावित नेता देश की बागडोर संभालने की मंशा तो रखते हैं, लेकिन इस जरूरी तथ्य...
More »85 दौलतमंद लोगों के पास है धरती की आधी से ज्यादा संपत्ति: REPORT
दुनिया में अमीर और गरीब के बीच का फासला इस कदर बढ़ा है कि दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी संपत्ति है उतनी संपत्ति दुनियाभर के केवल 85 धनी व्यक्तियों के पास है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले आक्सफैम की वर्किंगग फार द फ्यू शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें विकसित एवं विकासशील दोनों तरह...
More »ठंड में कहां जाएं गरीब व बेसहारा
दुनिया के ज्यादातर देशों में लोकतंत्र है और जहां नहीं हैं वहां लोकतंत्र बहाली के आंदोलन चल रहे हैं क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर लोकतंत्र में व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा को सर्वाधिक महत्व प्राप्त है। लेकिन, आधुनिक लोकतंत्र को सर्वाधिक आकर्षक बनाने वाली यही बात उसे अंतर्विरोधी भी बनाती है। किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह की आजादी के मूल्य को ज्यादा तरजीह दी जाय तो वह शेष व्यक्तियों की आजादी, आपसी बराबरी और भाईचारे में...
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