जागरण टीम, अलीगढ़ : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत कर सराहनीय पहल की, परंतु इसकी मंशा पर बैंकों की बेरुखी से सवाल खड़े हो रहे हैं। शहर से लेकर देहात तक जो कुछ हो रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। कहीं फार्म खत्म है तो कहीं औपचारिकताओं के नाम पर ग्राहकों को धकियाया जा रहा है। कई स्थानों पर तो मुफ्त में मिलने वाले फार्म...
More »SEARCH RESULT
गन्ना किसानों के जीवन में ही मिठास नहीं- के सी त्यागी
कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार अपने 100 दिन पूरे करने का जश्न मना रही होगी। तमाम विश्लेषक अपनी तरह से समीक्षा में लग जाएंगे, परंतु अब तक के कार्यकाल में एनडीए सरकार ने अपनी नीति से आने वाले खराब दिनों की तस्वीर दिखाकर किसानों को डराने का ही काम किया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई सरकार द्वारा किए गए समर्थन मूल्य की घोषणा है। लोकसभा चुनाव के दौरान...
More »हाशिए पर भारतीय भाषाएं- अंजुम शर्मा
जनसत्ता 29 जुलाई, 2014 : लोकतंत्र में अगर तंत्र की भाषा लोक से भिन्न हो जाए तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा सूचक नहीं है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में भाषाई आधार पर भेदभाव के जो आरोप सामने आ रहे हैं उनसे अंगरेजी मानसिकता की वर्चस्ववादी नीति और भारतीय भाषाओं की दुर्दशा पर एक बार फिर विचार करने की जरूरत पैदा हुई है।...
More »जुर्म का गढ़ बनता जा रहा है यूपी- फरजंद अहमद
राजनीति की केमिस्ट्री की एक खासियत है कि जो चीज जितनी तेजी से बदलती है, वह उतनी ही तेजी से अपने मूल की ओर लौट भी जाती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में लगातार सांप्रदायिक दंगों और फिर रेप जैसी शर्मनाक घटनाओं पर हो रहे हंगामे में अखिलेश यादव सरकार उलझ गई है। इसकी वजह भी है। हर घटना इसी बात की ओर इशारा करती है कि देश का सबसे बड़ा...
More »फसल की बर्बादी न देख सका किसान, मौत
बांदा, ब्यूरो। दैवीय आपदा के चलते फसल की बर्बादी और सरकारी उपेक्षा से परेशान एक और किसान की सोमवार को हार्टअटैक से मौत हो गई। किसान की बेटी की शादी दो मई को होने वाली है। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुचेंदू निवासी गुलाब यादव सुबह अपनी पत्नी मुन्नी देवी से ओलावृष्टि से बर्बाद फसल के बारे में बात कर रहे थे तभी चक्कर...
More »