अतुल मिश्रा, कानपुर। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले गोताखोरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं। उन्हें पांच माह बाद भी मानदेय नहीं मिल सका है। इन्हें गंगा में डूबने वालों को बचाने के लिये पिछले साल नवंबर माह में मानदेय दिलाने का आश्वासन दिया था। पिछले दस सालों से गंगा बैराज पर ्रगोताखोर मो.निसार, रामबाबू, जलील, फिरोज, सबीर, शमी हसन, देवेंद्र और...
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भगवान भरोसे विज्ञानी बाबू - ।।रजनीश उपाध्याय।।
दुनिया के दो महान व्यक्तित्व. दोनों तेज दिमाग के. अति प्रतिभावान. ग्रेट साइंटिस्ट. लगभग समकालीन भी. एक ने भारत के छोटे से गांव में जन्म लिया. नाम - वशिष्ठ नारायण सिंह. अभावों के बीच अपनी मेधा के बल पर राह बनायी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तक पहुंचे. दूसरे ने भी अपनी मेधा का लोहा मनवाया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में शोध किया. नाम - स्टीफन विलियम हॉकिंग. दोनों गणित में पारंगत. वशिष्ठ...
More »राहुल की अमेठी साक्षरता में फिसड्डी
सरस वाजपेयी, कानपुर। \'साक्षर भारत\' का नारा देने वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का संबोधन सुनकर और उनके साथ समय गुजार मेधावी उन्हें शिक्षित व दूरदर्शी नेता का नाम भले ही देते हों, लेकिन हकीकत यह है कि राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी में ही सबसे ज्यादा अशिक्षा है। राज्य में अति पिछड़ा कहे जाने वाले बुंदेलखंड के अधिकतर जिले शिक्षा के क्षेत्र में गांधी परिवार के इस राजनीतिक घर...
More »अर्थव्यवस्था का जायजा लेंगे विश्व बैंक प्रमुख
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। धीमी रफ्तार से बाहर निकलने की कोशिश कर रही अर्थव्यवस्था का जायजा लेने विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम सोमवार से तीन दिन की यात्रा पर भारत आ रहे हैं। उनके एजेंडे में सरकार की आर्थिक नीतियों के परिणामों का आकलन करने के साथ साथ विकास की दिशा में विश्व बैंक के लिए यहां संभावनाएं तलाशना है। पिछले साल जुलाई में विश्व बैंक के प्रमुख का पद संभालने वाले...
More »क्या विरोध का ढंग बदल सकता है- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 5 मार्च, 2013: इक्कीस-बाईस फरवरी का भारत-बंद लगभग सफल हुआ। उसके लिए श्रमिक संगठनों को बधाई। लेकिन इस महाबंद ने मन में कई सवाल उठा दिए। बंद होते रहते हैं। दो मुख्य तर्क इनके पीछे हैं। एक, मजदूरों या कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, और दूसरा, अपने अधिकारों की शांतिपूर्ण और सामूहिक अभिव्यक्ति। दोनों बातें अपनी जगह सही हैं। मजदूर के अधिकार का संरक्षण होना जरूरी है। लेकिन असंगठित मजदूर...
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