देश का 'अन्न का कटोरा' कहा जाने वाला पंजाब कई विरोधाभासों का सामना कर रहा है। जबसे हरित क्रांति की शुरुआत हुई, पंजाब ने साल दर साल रिकॉर्ड स्तर पर अतिरिक्त अनाज का उत्पादन किया, फिर भी यह वर्षों से किसान आत्महत्या के कारण कब्रगाह में तब्दील हो गया है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा, जब पंजाब के अखबारों में किसान आत्महत्या की खबर न छपती हो। पंजाब राष्ट्रीय...
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प्रदूषण से मुक्ति की खातिर--- विवेक कुमार बडोला
कुछ दिन पहले पूर्वोत्तर भारत तथा दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश विषैली धुंध की घनी परत से ढंके हुए थे। दस-पंद्रह दिनों तक काले वायुमंडल ने लोगों के भीतर विचित्र भय पैदा कर दिया था। लेकिन अब दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित धुंध से सने क्षेत्र कुछ-कुछ साफ क्या हुए कि प्रदूषण से ध्यान हट गया है। ऐसी आपात स्थिति से अल्पकालिक छुटकारा...
More »किशोर दुनिया के तकाजे-- कुलीना कुमारी
कहा जाता है कि व्यक्ति का भविष्य बचपन और उस दौरान आत्मसात किए गए मूल्यों पर आधारित होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में करीब 41 फीसद आबादी 20 साल से कम उम्र की है। रूसो ने बच्चों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया था- पांच वर्ष की आयु तक चलने वाली शैशवावस्था, पांच से बारह वर्ष तक बाल्यावस्था और बारह से बीस वर्ष तक किशोरावस्था। हालांकि वयस्क...
More »सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
More »नोटबंदी से लांग टर्म फायदा-- गुरचरण दास
पूरे एक साल बाद भी विमुद्रीकरण (सामान्यतया िजसे नोटबंदी कहा जाता है) का फायदा अभी भले न दिख रहा हो, लेकिन आगे चलकर इसका फायदा दिखना अभी बाकी है. क्योंकि, शुरू से ही इसके लांग टर्म में फायदा होने की बात शामिल रही है. विशेषज्ञों ने ऐसा माना है. यह बेहद स्वाभाविक है कि किसी भी बड़े और राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक विभिन्नताओं वाले देश में किसी ठोस और कठोर फैसले लेने से...
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