विकास के बहुमुखी हल्ले के बीच कृषि-संकट जारी है। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र से रह-रह कर आ रही किसान-आत्महत्याओं की खबरों के बीच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण(एनएसएसओ) द्वारा इस माह जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 52 फीसदी खेतिहर परिवार कर्ज में डूबे हैं। रिपोर्ट में का यह तथ्य जुलाई 2012 से जून 2013 के बीच की स्थिति के बारे में है।(देखें नीचे दी गई लिंक) तकरीबन साढ़े...
More »SEARCH RESULT
छत्तीसगढ़ : बस्तर के धान की होगी जीन मैपिंग
नारायणपुर(ब्यूरो)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के देश में शामिल 12 हॉट स्पॉट्स में बस्तर भी है और यहां की जैव विविधिता को देखते वैज्ञानिक नई किस्मों के बीजों की खोज कर रहे हैं। यदि बस्तर के किसानों की ओर से दिए गए बीज खरे पाए जाते हैं तो इनकी जीन मैपिंग होगी और किसानों को इसकी रायल्टी मिलती रहेगी। ऐसा बौद्घिक संपदा की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। इसी...
More »चीनी की कम होती मिठास - के सी त्यागी
जनसत्ता 14 अक्तूबर, 2014: महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में स्वीकार किया कि प्रतिवर्ष लगभग सैंतीस सौ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर दूसरी तरफ उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला (समर्थन मूल्य के अतिरिक्त) बोनस रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने...
More »केंद्रीय मंत्री द्वारा कृषि उत्पादन, जीरो परसेंट पर कर्ज की तारीफ
वैभव श्रीधर, भोपाल। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मध्यप्रदेश द्वारा कृषि क्षेत्र में उत्पादन से लेकर किसानों के हित में किए जा रहे प्रयासों की मुक्तकंठ प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कृषि में कई मामलों में मध्यप्रदेश का कोई जवाब नहीं है। लालपरेड मैदान पर आयोजित कृषि महोत्सव का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने मध्यप्रदेश की तारीफ में काफी लंबा भाषण दिया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितयों...
More »छत्तीसगढ़ में फिर लहलहाएगी दुबराज, विष्णुभोग की फसल
दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...
More »