SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 519

जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

More »

खरीफ 2019-20 की फसलों के एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी, धान में सिर्फ 3.7 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली: सरकार ने मुख्य खरीफ फसल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) फसल वर्ष 2019-20 के लिए 3.7 प्रतिशत बढ़ाकर 1,815 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को यह जानकारी दी. धान के एमएसपी में 65 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार में 120 रुपये क्विंटल तथा रागी के एमएसपी में 253 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र...

More »

किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन

नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने और इसके लिए जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नई पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट के...

More »

किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के फायदे बताने के लिए झारखंड के गांवों में खेती करेंगे कृषि विशेषज्ञ

रांची : जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है, देश और दुनिया में खेती योग्य जमीन (Agricultural Land) लगातार कम हो रही है. ऐसे में किसानों (Farmers) की आय (Income) बढ़ाना सरकार के सामने एक चुनौती है. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय (Farmers Income) दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. झारखंड सरकार इन उपायों को लागू...

More »

कम नहीं चुनाव आयोग की शक्तियां- नवीन चावला

भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close