-विकासनवेश फाउंडेशन, सम्बोधी, प्रोफेशनल अस्सिटेंस फॉर डेवल्पमैंट एक्शन (PRADAN), BAIF डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन (BAIF), एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (ASA), SATHI-UP, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम (AKRSP), ग्रामीण सहारा और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन(TRIF) द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट, दिनांक 13 मई, 2020 ग्रामीण क्षेत्र की गरीब आबादी पर COVID 19 और लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने के लिए सबसे बड़े सर्वेक्षण को प्रमुख गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया गया....
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महान दार्शनिक जिद्दू कृष्णमूर्ति राष्ट्रवाद और धर्म को मनुष्यता के लिए खतरा क्यों मानते थे?
-सत्याग्रह, अंग्रेजी के मशहूर साहित्यकार टीएस इलियट ने भारतीय दार्शनिकों के बारे में कहा था, ‘महान भारतीय दार्शनिकों के सामने पश्चिम के दार्शनिक किसी स्कूल के बच्चों की मानिंद नज़र आते हैं.’ यह बात अगर बीती सदी पर लागू करें तो जिद्दू कृष्णमूर्ति बिलकुल इसी कड़ी का हिस्सा लगते हैं. हां, यह अलग बात है कि वे ‘राष्ट्रीय पहचान’ को नकारते थे! कृष्णमूर्ति ने जिस तरह स्थापित परंपराओं को किनारे कर...
More »हाल-फिलहाल में जारी हुई अधिकांश रिपोर्टें बता रही हैं कि अर्थव्यवस्था का पहिया थमने वाला है!
अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, आधिकारिक एजेंसियों और निजी संस्थाओं द्वारा जारी की गईं अधिकांश रिपोर्टें और अध्ययन कोरोनवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रलयकारी प्रभावों की तरफ इशारा करते हैं. उनका अनुमान है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा COVID -19 (यानी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वॉरंटीन) को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक विकास को प्रभावित करेंगे और अधिकांश क्षेत्रों में...
More »हरियाणा: लॉकडाउन की भारी क़ीमत चुका रहे नूंह के ये ग़रीब परिवार
द वायर, देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 19 दिनों तक बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों को हो रही तकलीफों पर खेद जताया था. समाज का मिडिल क्लास तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद भी इसे जरूरी क़दम बता रहा है. यह मिडिल क्लास उन तकलीफों को नहीं समझ रहा, जिससे बेघर मजदूर और गरीब लोग गुजर रहे हैं. ये लोग भूख से उपजी तड़प को नहीं समझते. देश का हर वंचित तबका इस...
More »कोरोनावायरस: 80 करोड़ परिवारों को झेलना पड़ सकता है आर्थिक संकट: विश्व बैंक
-डाउन टू अर्थ, विदेशों में रह रहे प्रवासियों द्वारा भेजी जाने वाली रकम (रेमिटेंस) पर निर्भर निम्न और मध्यम आय वाले देशों के कम से कम 80 करोड़ परिवारों की जिंदगी नोवेल कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी के कारण बढ़े आर्थिक संकट से खतरे में पड़ गई है। विश्व बैंक ने 22 अप्रैल, 2020 को जारी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। विश्व बैंक के अनुसार, दुनिया के अधिकांश मुल्कों के कोरोना की...
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